India Agriculture: कंसल्टिंग फर्म मैकिन्से एंड कंपनी ने भारत में कृषि अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है. कंपनी ने बुधवार को कहा कि बाकी कृषि अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अगर भारत में संरचनात्मक फायदों का पूरी तरह से प्रयोग किया जा सके तो भारत का कृषि क्षेत्र साल 2035 तक 1.4 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. 'वैल्यु क्रिएशन इन इंडियाज एग्रीकल्चर' इस टाइटल से आई एक रिपोर्ट के अनुसार कृषि क्षेत्र वर्तमान में भारत की जीडीपी में 16 फीसदी से 18 फीसदी या 580 अरब डॉलर से 650 अरब डॉलर का योगदान देता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का कृषि क्षेत्र रणनीतिक मोड़ पर है. साथ ही संरचनात्मक सुधारों से लेकर डिजीटल और टेक्नोलॉजी इनोवेशंस तक ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती कृषि अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरने के लिए प्रेरित किया है. पिछले छह सालों में इस क्षेत्र में 5 प्रतिशत CAGR का इजाफा हुआ है. बेहतर उत्पादकता और वैल्यू एडीशन के साथ यह 6 से 7 फीसदी की दर से बढ़ सकता है. इस बात की पूरी संभावना है कि साल 2035 तक 400 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ यह 1.4 खरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
रिपोर्ट में उच्च उपज देने वाली किस्म के बीज, विशेष उर्वरक, जैविक और बेहतर कृषि पद्धतियों जैसे बेहतर इनपुट का उपयोग करके फसल की पैदावार में अनुमानित 15 से 40 प्रतिशत की वृद्धि को शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है. इससे वैल्यू एडीशन क्षमता के लिए डाउनस्ट्रीम प्रोसेसिंग का विस्तार किया जा सके. रिपोर्ट में देश की कृषि में संरचनात्मक फायदों की पहचान की गई है. इनमें फलों और सब्जियों जैसे ज्यादा कीमतों वाले और प्रोसेस्ड एग्री प्रॉडक्ट्स की बढ़ती मांग, मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट प्रॉफिट, इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए फीडस्टॉक लाभ, पब्लिक डिजिटल पेमेंट स्ट्रक्चर और बढ़ते एगटेक व्यवसाय शामिल हैं.
भारत चावल, गन्ना और गेहूं का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. जबकि देश में चावल और मक्का के उत्पादन की लागत सबसे कम है. ग्लोबल लेवल पर चीनी के लिए दूसरी सबसे कम है. इस क्षेत्र में करीब 27 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है और यह देश की वर्कफोर्स का करीब 46 फीसदी है. इसमें कहा गया है कि कर्ज पहुंच में क्षेत्रीय असमानताओं और ऋण योग्यता पर सीमित उपलब्धता जैसी चुनौतियों के बावजूद, कृषि वित्तपोषण 2022 से 2024 तक सालाना 14 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये (लगभग 292 बिलियन डॉलर) हो गया है.
रिपोर्ट की मानें तो अपनी मुश्किलों के बावजूद, भारत का कृषि क्षेत्र कई संरचनात्मक लाभों का भी केंद्र है जो नए अवसर पैदा कर सकते हैं और विकास को और तेज कर सकते हैं. बायो बिल्डिंग ब्लॉक्स, एग्रीकेमिकल्स, एग्री बायोलॉजिकल्स और इस क्षेत्र के लिए प्रोसेस्ड फूड को विकास की संभावनाओं के चार क्षेत्रों के तौर पर पहचाना गया है.
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