देशभर में खरीफ फसलों की सरकारी खरीद 1 अक्तूबर से शुरू हो चुकी है. जबकि, बिक्री के लिए किसानों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सितंबर महीने से जारी है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों की उपज खरीद की घोषणा कर दी है. राज्य कैबिनेट ने सोयाबीन की सरकारी खरीद को 25 अक्टूबर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा. फसल खरीद के लिए राज्यभर में 1400 से अधिक क्रय केंद्र बनाए गए हैं.
सोयाबीन की खेती के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे रहा है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार इस बार खरीफ सीजन में किसानों ने जमकर सोयाबीन की खेती है. 27 सितंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का रकबा पिछले साल की तुलना में करीब 2 लाख हेक्टेयर बढ़कर 125.11 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. पिछले साल 123.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सोयाबीन की बुवाई की गई थी. इस बार रकबा बढ़ने की दो वजहें हैं पहली अच्छी बारिश और अनुकूल मौसम और दूसरी सोयाबीन की एमएसपी दर में 292 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी है.
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सोयाबीन किसानों की उपज खरीद की घोषणा कर दी है. कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है. कृषि विभाग के अनुसार फसल बिक्री के लिए राज्यभर में जिला और तहसील स्तर पर 1400 से अधिक खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जो सरकारी मंडियों, सहकारी समितियों आदि में स्थापित किए गए हैं. किसानों को उनकी उपज का भुगतान 48 घंटे के अंदर उनके खाते में भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य कैबिनेट की 22 अक्टूबर को हुई बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सोयाबीन की सरकारी खरीद 25 अक्टूबर से शुरू होगी, जो 31 दिसंबर तक चलेगी. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल पर सोयाबीन की खरीदी होगी. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि सोयाबीन की पहली बार एमएसपी पर खरीदी हो रही है. किसानों में सोयाबीन फसल बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उत्साह देखा जा रहा है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सोयाबीन फसल बिक्री के लिए अब तक 3.44 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और अभी भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है. वहीं, मध्य प्रदेश में एमएसपी पर मोटा अनाज यानी ज्वार और बाजरा की सरकारी खरीद 22 नवंबर 2024 से शुरू होगी. जबकि, धान की खरीद 2 दिसंबर 2024 से शुरू होने की जानकारी दी गई है.