मध्य प्रदेश के किसानों को राज्य सरकार ऐसी मंडियों की सौगात देने जा रही है, जहां वे उचित कीमत पर बागवानी फसलों की उपज बेच सकेंगे. राज्य सरकार इसके लिए 11 जिलों में अलग से उद्यानिकी उपज मंडी बनाएगी. राज्य सरकार के फैसले को अमल में लाने के लिए उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने गुरूवार को मंत्रालय में उद्यानिकी बोर्ड के साथ बैठक की. मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि बागवानी फसल उगाने वाले किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके, इस उद्देश्य से राज्य सरकार अलग से उद्यानिकी फसल उपज मंडी बोर्ड बनाने पर काम कर रही है.
मंत्री ने बताया कि ये 11 बागवानी कृषि उपज मंडी- इंदौर, बुरहानपुर, शाजापुर, मंदसौर, उज्जैन, बदनावर, रतलाम, नीमच, भोपाल, जावरा और शुजालपुर में शुरू होंगी. इन मंडियों में एक लाख टन से ज्यादा बागवानी फसलों की आवक होती है. पहले चरण में बोर्ड बनावर उद्यानिकी फसलों की बिक्री के लिए अलग से परिसर बनाएगा.
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उद्यानिकी मंत्री ने संचालक उद्यानिकी, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड प्रबंध संचालक एमपी एग्रो और विशेषज्ञों की टीम को एक महीने में सर्वे का काम पूरा कर सलाहकार बोर्ड के सामने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. मंत्री कुशवाह ने बताया कि उद्यानिकी उपज मंडियां पूरी हाईटैक होंगी, जिनमें किसान सीधे उपभोक्ताओं को अपनी फसल बेच सकेंगे. यह व्यवस्था बिचौलियों से मुक्त होगी.
प्रदेश में अभी म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अधीन म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड का गठन किया गया है. इनमें कृषि और उद्यानिकी का फसलों की खरीद-बिक्री एक ही परिसर में की जाती है. प्रदेश की 25, कृषि उपज मंडी समिति है इनमें फल-सब्जियों के विक्रय के लिये 174 मंडियां लिस्टेड हैं. नई व्यवस्था लागू होने पर फल-फूल, सब्जी फसल के लिए अलग नए मंडी परिसर बनाए जाएंगे. प्रस्तावित मंडियों में ग्रेडिंग, सोर्टिग, पैकिंग, पैकहाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चैन, भंडारण आदि सुविधाएं भी होंगी.
मंत्री ने विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए बैठक में अफसरों से उद्यानिकी विभाग को हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए नए ऑनलाइन आवेदन मंगाने के लिए कहा है. साथ ही आवेदन प्रक्रिया भी सरल बनाने के लिए कहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को फायदा मिल सके. वहीं, संचालक उद्यानिकी प्रीति मैथिल ने कहा कि उद्यानिकी विभाग के पोर्टल www.mpfsts.mp.gov.in से आवेदन आमंत्रित किए जायेंगे. पात्रता के अनुसार हितग्राहियों का चयन किया जाएगा.