Rice Production: भारत में 2025-26 में चावल और गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, वैश्विक अनाज उत्पादन ने भी मारी छलांग

Rice Production: भारत में 2025-26 में चावल और गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर, वैश्विक अनाज उत्पादन ने भी मारी छलांग

भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि देश न सिर्फ घरेलू जरूरतों को पूरा कर पा रहा है, बल्कि वैश्विक उत्पादन में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. मौसम की अनुकूलता, बेहतर तकनीक और सरकार की योजनाएं इस रिकॉर्ड उत्पादन में अहम भूमिका निभा रही हैं. आने वाले समय में इन उपलब्धियों से देश के किसानों और अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिल सकता है.

Rice production will be at record levelRice production will be at record level
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 19, 2025,
  • Updated Jun 19, 2025, 11:16 AM IST

भारत में 2025-26 के खरीफ सीजन (सितंबर 2025 से अगस्त 2026) में धान उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है. अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, इस सीजन में भारत का धान उत्पादन 151 मिलियन टन (मिल्ड बेसिस) तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल से 1% और पिछले 5 वर्षों के औसत से 11% ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस बार धान की खेती का रकबा 51 मिलियन हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के बराबर है और पिछले 5 साल के औसत से 7% अधिक है. वहीं, धान की उपज (रफ बेसिस) भी रिकॉर्ड 4.44 टन प्रति हेक्टेयर रहने का अनुमान है.

मौसम और बुआई का साथ

USDA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मई के अंत तक मौसम की स्थिति अनुकूल थी और धान की बुआई सामान्य समय से आगे चल रही थी. इससे संकेत मिलता है कि फसल की स्थिति अच्छी है और उत्पादन अनुमान को समर्थन मिल रहा है.

अनाज उत्पादन की स्थिति भी अच्छी

संयुक्त राष्ट्र की एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इंफॉर्मेशन सिस्टम (AMIS) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025-26 में वैश्विक चावल उत्पादन 541 मिलियन टन तक पहुंच सकता है. यह अब तक का सबसे अधिक उत्पादन होगा. एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरिबियन और यूरोप में अच्छी फसलें हुई हैं, जिससे यह उपलब्धि संभव हुई है.

गेहूं उत्पादन में भी नया रिकॉर्ड

भारत में गेहूं उत्पादन भी 2025-26 सीजन (अप्रैल-मार्च) में रिकॉर्ड 117.5 मिलियन टन रहने का अनुमान है. USDA के अनुसार, गेहूं की खेती का क्षेत्र 32.9 मिलियन हेक्टेयर रहने की संभावना है, जो पिछले साल से 3% और 5 साल के औसत से 5% ज्यादा है. उपज भी रिकॉर्ड 3.57 टन प्रति हेक्टेयर रहने की उम्मीद है.

फसल अच्छी, पर मांग धीमी

भारत के पास फिलहाल चावल का पर्याप्त भंडार है. 1 जून तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास 37.99 मिलियन टन चावल और 32.26 मिलियन टन धान (21.61 मिलियन टन चावल के बराबर) मौजूद था. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की मांग में थोड़ी सुस्ती है क्योंकि खरीदारों के पास पहले से ही पर्याप्त भंडार हैं. व्यापारियों का मानना है कि जुलाई के दूसरे हिस्से से ही बाजार में कुछ हलचल देखने को मिल सकती है.

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