
देश में रबी फसलों की बुआई जारी है. कृषि मंत्रालय ने रबी बुआई का 19 दिसंबर तक का आंकड़ा जारी किया है. ताजा आंकड़े के मुताबिक, अभी तक रबी फसलों की बुआई में 8 फीसद से अधिक की वृद्धि है. सबसे अच्छी बात दलहन के मोर्च पर है जिसमें अभी तक तकरीबन 4 फीसद की तेजी दर्ज की गई है. यह दालों की कीमत के साथ-साथ सरकार के लिए भी पॉजिटिव संकेत है.
रबी बुआई के ताजा आंकड़े के अनुसार, अभी तक देश में 127 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हो चुकी है. पिछले साल इसी अवधि में 123 लाख हेक्टेयर में दालें बोई गई थीं. पिछले साल पूरे रबी सीजन में 134 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में इसकी बुआई हुई थी और इसका सामान्य रकबा 140 लाख हेक्टेयर से अधिक है. इस लिहाज से दलहन की बुआई संतोषजनक रफ्तार से आगे बढ़ रही है.
दलहन की बुआई में तेजी किसानों के साथ-साथ सरकार और उपभोक्ताओं के लिए भी शुभ संकेत है. सरकार दलहन का उत्पादन बढ़ाकर देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहती है ताकि आयात पर निर्भरता घटे. इसके लिए किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसमें सब्सिडी स्कीम से लेकर फ्री मिनीकिट बांटने तक की पहल शामिल है. दलहन का उत्पादन बढ़ने से उपभोक्ताओं को सस्ते रेट पर दालें मिलेंगी.
दलहन की तरह तिलहन पर भी सरकार का फोकस है. इसके रकबे में भी तेजी आई है, लेकिन यह मामूली है. हालांकि सरसों और रेपसीड की खेती लगातार बढ़ रही है और इसमें डेढ़ परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है. कुल तिलहन की बात करें तो इसमें 0.67 परसेंट की वृ्द्धि है. मूंगफली में मामूली गिरावट है तो कुसुम, सूरजमुखी, तिल और अलसी की खेती में वृद्धि है.
रबी फसलों में सबसे प्रमुख स्थान गेहूं का है जिसकी बुआई अभी चल रही है. गेहूं के रकबे में 1.29 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है और यह पिछले साल के 300 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 301 लाख हेक्टेयर का आंकड़ा पार कर लिया है. रबी धान की खेती में भी लगभग 2 फीसद की तेजी है. अभी तक सबसे अधिक तेजी चने की बुआई में है जिसमें लगभग 5 परसेंट तक वृद्धि दर्ज की गई है.
कृषि मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक 580.70 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई हो चुकी है जो पिछले साल इसी अवधि में 572.59 लाख हेक्टेयर था. इस तरह 19 दिसंबर तक बुआई में 8.12 लाख हेक्टयर की बढ़त है.