रबी सीजन में करें इन फसलों की खेती, जानें पैदावार बढ़ाने का सही तरीका

रबी सीजन में करें इन फसलों की खेती, जानें पैदावार बढ़ाने का सही तरीका

भारत में रबी की फसल अक्टूबर और नवंबर माह में बोई जाती है जो कम तापमान में बोई जाती है, फसल की कटाई फरवरी और मार्च माह में की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं बंपर उत्पादन के लिए क्या करें.

Rabi CropsRabi Crops
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 01, 2023,
  • Updated Dec 01, 2023, 5:15 PM IST

हमारे देश में रबी सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में देश के किसान रबी फसलों की बुवाई और देखभाल में काफी व्यस्त हैं. ऐसे में किसानों के काम को आसान बनाने के लिए अब खेती तकनीक और मशीनों पर आधारित हो गई है. ऐसे में सही तरीके से खेती करने के लिए किसान भाइयों को रबी सीजन की खेती से जुड़ी सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. अगर उन्हें मौसम और नई तकनीकों की सही जानकारी नहीं होगी तो फसल उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है. ऐसे में किसानों को अधिक उत्पादन पाने के लिए क्या करना चाहिए आइए जानते हैं. भारत में रबी की फसल अक्टूबर और नवंबर माह में बोई जाती है जो कम तापमान में बोई जाती है, फसल की कटाई फरवरी और मार्च माह में की जाती है.

आलू, मसूर, गेहूं, जौ, रेपसीड (लाही), मसूर, चना, मटर और सरसों मुख्य रबी फसलें हैं. रबी सीजन की प्रमुख सब्जी फसलों की बात करें तो टमाटर, बैंगन, भिंडी, आलू, तुरई, लौकी, करेला, सेम, बंडा, फूलगोभी, पत्तागोभी, पत्तागोभी, मूली, गाजर, शलजम, मटर, चुकंदर, पालक, जैसी सब्जियां मेथी, प्याज, आलू, शकरकंद आदि उगाए जाते हैं.

इन फसलों की करें बुवाई

गेहूं: गेहूं रबी मौसम की प्रमुख फसलों में से एक है. गेहूं की फसल से बंपर उत्पादन लेने के लिए इसकी बुआई मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक करनी चाहिए.

जौ: जौ रबी मौसम में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है. इस फसल की खेती उन क्षेत्रों में करनी चाहिए जहाँ उपयुक्त सिंचाई की व्यवस्थाएँ हो. वहां 15 नवंबर तक जौ की बुआई कर देनी चाहिए. यदि आपके बीज बोने से पहले प्रमाणित नहीं हैं तो उन्हें बोने से पहले थीरम एज़ोटोबैक्टर से उपचारित करें.

ये भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में आलू की कीमत में 30 प्रतिशत की गिरावट, अब किसानों के लिए लागत निकालना हुआ मुश्किल

चना: चने की बुआई 20 नवंबर तक कर देनी चाहिए. चने की बुआई के 25 से 30 दिन बाद खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई अवश्य करनी चाहिए.

मटर: मटर की बुआई अक्टूबर से मध्य नवम्बर तक करनी चाहिए. खरपतवार नियंत्रण के लिए मटर की बुआई के 20 दिन बाद निराई-गुड़ाई अवश्य करनी चाहिए. पहली सिंचाई मटर की बुआई के 35 से 40 दिन बाद करें. पहली सिंचाई के 6-7 दिन बाद जब फलियाँ आ जाएँ तो आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें.

मक्का: मक्के की खेती उन क्षेत्रों में करनी चाहिए जहां सिंचाई की उपयुक्त व्यवस्था हो. वहां शीतकालीन मक्के की बुआई नवंबर के मध्य तक अवश्य पूरी कर लेनी चाहिए. मक्के की बुआई के लगभग 25 से 30 दिन बाद पहली सिंचाई अवश्य करनी चाहिए.

MORE NEWS

Read more!