चना-मसूर और मटर का क्षेत्रफल 5 लाख हेक्टेयर घटा, रबी सीजन में चावल और मक्का की खेती भी घटी 

चना-मसूर और मटर का क्षेत्रफल 5 लाख हेक्टेयर घटा, रबी सीजन में चावल और मक्का की खेती भी घटी 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के ताजा बुवाई आंकड़ों के अनुसार देशभर में चना, मसूर और मटर की बुवाई में किसानों की दिलचस्पी कम होती दिख रही है. क्योंकि, ताजा रकबे में गिरावट दर्ज की गई है. चना का रकबा 4 लाख हेक्टेयर घटकर 74.39 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसी तरह मसूर का 1 लाख हेक्टेयर और मटर का रकबा 10 हजार हेक्टेयर घट गया है.

रबी सीजन में चना-मसूर और मटर का क्षेत्रफल घटा.रबी सीजन में चना-मसूर और मटर का क्षेत्रफल घटा.
रिजवान नूर खान
  • Noida,
  • Dec 03, 2024,
  • Updated Dec 03, 2024, 12:14 PM IST

रबी सीजन में इस बार गेहूं की बंपर बुवाई की गई है. यही वजह है कि गेहूं का रकबा 13 लाख हेक्टेयर बढ़ाकर 200.35 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. हालांकि, दलहन फसलों में चना, मटर और मसूर के रकबे में करीब 5 लाख हेक्टेयर की गिरावट दर्ज की गई है. जबकि, रबी सीजन में चावल की खेती का रकबा भी घटा है. हालांकि, कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि दिसंबर भर बुवाई के लिए समय बाकी है, जिसके चलते रकबे की मौजूदा गिरावट कुछ सप्ताह में बढ़त में देखने को मिल सकती है. 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के 2 दिसंबर को जारी ताजा बुवाई आंकड़ों के अनुसार देशभर रबी सीजन में रबी फसलों की बुवाई 428 लाख हेक्टेयर से अधिक में की गई है, जो बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 17 लाख हेक्टेयर अधिक है. वहीं, इस वर्ष लगभग 200.35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 187.97 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है. 

इन 3 दालों का बुवाई क्षेत्रफल घटा

आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष लगभग  108.95 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 105.14 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 3 लाख हेक्टेयर अधिक है. हालांकि, दालों में चना, मसूर और मटर की बुवाई में किसानों की दिलचस्पी कम होती दिख रही है. क्योंकि, ताजा रकबे में गिरावट दर्ज की गई है. चना का रकबा 4 लाख हेक्टेयर घटकर 74.39 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसी तरह मसूर का 1 लाख हेक्टेयर और मटर का रकबा 10 हजार हेक्टेयर घट गया है. 

रकबे में बढ़ोत्तरी की कई वजहें 

गेहूं के रकबे में बंपर बढ़ोत्तरी और कुछ दालों की बुवाई क्षेत्रफल में गिरावट को लेकर कृषि एक्सपर्ट ने सकारात्मक रुख दिखाया है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार अच्छे मॉनसून की वजह से औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसकी वजह से बीजों के अंकुरण के लिए पर्याप्त नमी मिट्टी में मौजूद है. गेहूं का रकबा बढ़ने की वजह सरकार की ओर से एमएसपी में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी का भी असर देखा जा रहा है. दालों को लेकर उनका मानना है कि अभी बुवाई के लिए समय है और जो मौजूदा गिरावट है यह आने वाले हफ्तों बढ़े हुए क्षेत्रफल के रूप में देखने को मिल सकती है. 

चावल और मोटे अनाज का रकबा 

  1. इस वर्ष लगभग 29.24 लाख हेक्टेयर में श्रीअन्न यानी मोटे अनाज की खेती की गई है, पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 24.67 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 4 लाख हेक्टेयर अधिक है. 
  2. सर्दियों में मक्का की खेती के लिए इस बार 6.53 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई है, जो पिछले साल के 6.87 लाख हेक्टेयर की तुलना में 30 हजार हेक्टेयर कम है. 
  3. इसी तरह चावल की खेती का रकबा भी रबी सीजन में घट गया है. क्योंकि, इस बार 9.16 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की गई है, जो पिछले साल 9.75 लाख हेक्टेयर की तुलना में करीब 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कम है. 

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