सरकार ने रबी फसल की बुवाई का आंकड़ा जारी कर दिया है. ताजा आंकड़े के मुताबिक, अभ तक रबी फसल की बुवाई 655.88 लाख हेक्टेयर से अधिक हुई है. कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 35.15 लाख हेक्टेयर में चावल या धान की खेती की गई. पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 315.63 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल लगभग 324.38 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई.
सोमवार को जारी आंकड़े में कहा गया है कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 139.29 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल लगभग 142.49 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई. श्री अन्न और मोटे अनाज के अंतर्गत 55.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई. कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 27 जनवरी 2025 तक रबी फसलों के अंतर्गत बुवाई क्षेत्र कवरेज की प्रगति जारी की है.
इसमें बताया गया है कि पिछले साल इसी अवधि में 315 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई थी जबकि इस साल 324 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा पहुंच चुका है. इसी तरह पिछले साल इस अवधि में 30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई थी जबकि इस साल यह क्षेत्र 35 लाख हेक्टेयर से अधिक है. पिछले साल धान का रकबा 139 लाख हेक्टेयर था जो इस साल अभी तक बढ़कर 142 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल चने का रकबा लगभग 96 लाख हेक्टेयर था जो इस बार बढ़कर 99 लाख हेक्टेयर के आसपास है.
इस साल मौजूदा अवधि में मसूर के रकबा में गिरावट है. पिछले साल इसी अवधि में मसूर का रकबा 17.76 लाख हेक्टेयर था जो घटकर 17.43 हेक्टेयर हो गया है. मटर में भी मामूली गिरावट है. कुल्थी की बुवाई इस साल पिछले साल की तरह बराबर है. पिछले साल भी इस अवधि में कुल्थी 3.13 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी और इस साल भी इतना ही रकबा है. लतरी की दाल में भी इस साल गिरावट है. मूंग में मामूली वृ्द्धि देखी जा रही है.
श्री अन्न और मोटे अनाजों के रकबे में पिछले साल से मामूली कमी है. इस साल अभी तक 55.67 लाख हेक्टेयर में श्री अन्न और मोटे अनाजों की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 55.89 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. पिछले साल ज्वार बाजरे की बुवाई लगभग 27 लाख हेक्टेयर में हुई थी जबकि इस साल 24 लाख हेक्टेयर के करीब है. रागी की बुवाई में थोड़ी वृद्धि है. मक्का के रकबे में बड़ा उछाल देखा जा रहा है जबकि जौ में हल्की गिरावट है.
तिलहन में रेपसीड और सरसों की बुबाई में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल इसी अवधि में 102 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई की गई थी जबकि इस साल इसका रकबा 98 लाख हेक्टेयर ही पहुंचा है. रेपसीड और सरसों की बुवाई पिछले साल के 93.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में 89.30 लाख हेक्टेयर है. मूंगफली की बुवाई में मामूली तेजी है. कुसुम की बुवाई लगभग बराबर है. सूरजमुखी की बुवाई में इस साल तेजी है. हालांकि तिल और अलसी में हल्की गिरावट है.