Crop Damage: महाराष्ट्र के हिंगोली में सोमवार शाम प्री-मॉनसून की बारिश और तेज आंधी ने किसानों पर कहर बरपाया है. इससे केले की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. अचानक आई तेज हवाओं और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि भारी नुकसान के बावजूद अब तक खेतों में पंचनामा करने के लिए कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं पहुंचा है. किसानों ने सरकार से मांग की है कि तुरंत क्षतिग्रस्त फसलों का पंचनामा कर उन्हें मदद मुहैया कराई जाए.
इस बार कुदरत का कहर खासतौर पर हिंगोली के केले उत्पादक किसानों पर टूटा है. तेज आंधी और बारिश से खेतों में तैयार खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. हिंगोली से आने वाली तस्वीरें बताती हैं कि किस तरह से प्रकृति ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. यहां के किसान दत्तराव चंदोजी हंबे के खेत में पूरी फसल जमीन पर गिर गई है. इस साल दत्तराव ने दो एकड़ में केले की फसल लगाई थी. इस पर उन्होंने बुवाई से लेकर अब तक करीब ढाई लाख रुपये खर्च कर दिए थे. फसल भी अच्छी आई थी और मंगलवार को वह फसल काटने की तैयारी कर चुके थे. लेकिन अचानक आई आंधी और बारिश ने कुछ ही मिनटों में उनके सारे सपनों को तहस-नहस कर दिया.
किसान दत्तराव का पूरा परिवार इसी खेत पर निर्भर है. अब जबकि पूरी फसल तबाह हो चुकी है परिवार के सामने साल भर गुजारे का संकट खड़ा हो गया है. दत्तराव का कहना है कि उन्हें इस फसल से करीब 10 लाख रुपये की आमदनी की उम्मीद थी लेकिन अब सबकुछ बर्बाद हो गया है. ऐसी ही स्थिति इलाके के बाकी केले उत्पादक किसानों की भी है. किसानों ने बताया कि सोमवार की शाम आया तूफान इतना तेज था कि फसलों के साथ-साथ गौशाला, खलिहान, आखाड़े और पशुओं के शेड की छतें तक उड़ गईं. कई जानवर भी इसमें घायल हुए हैं.
किसानों का कहना है कि पिछले साल भी इसी तरह फसलें नष्ट हुई थीं. प्रशासन की ओर से पंचनामा तो किया गया था, लेकिन अब तक किसी को मुआवजा नहीं मिला. किसानों ने इस बार सरकार से तत्काल सहायता की मांग की है. अब देखना यह है कि महाराष्ट्र सरकार इस बार इन पीड़ित किसानों को राहत देती है या नहीं.