Maharashtra Agriculture News: महाराष्‍ट्र में मॉनसून के पहले ही हजारों हेक्‍टेयर में खड़ी फसल चौपट, किसानों को बुवाई न करने की सलाह 

Maharashtra Agriculture News: महाराष्‍ट्र में मॉनसून के पहले ही हजारों हेक्‍टेयर में खड़ी फसल चौपट, किसानों को बुवाई न करने की सलाह 

Maharashtra  Agriculture News: राज्‍य में मौसम इस बार मौसम में अजीबो-गरीब उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं. वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट की अनुसार राज्‍य के कृषि विभाग की तरफ से 2025-26 के खरीफ सीजन की बुवाई के लिए 156 लाख हेक्‍टेयर का अतिरिक्‍त लक्ष्‍य तय किया गया था.  विभाग की तरफ से उर्वरक और बीजों की योजना पर काम जारी है, कई जिलों में मई के पहले हफ्ते से ही बारिश शुरू हो गई.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • May 27, 2025,
  • Updated May 27, 2025, 11:11 AM IST

Maharashtra  Agriculture News: महाराष्‍ट्र में 25 मई यानी रविवार को मॉनसून दाखिल हो गया है. लेकिन उससे पहले ही किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. राज्‍य में प्री-मॉनसून की बारिश कई किसानों की उम्‍मीदों को अपने साथ बहा ले गई है. वहीं मॉनसून के आते ही किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. कृषि विभाग की तरफ से किसानों को अभी बुवाई न करने की सलाह दी गई है. बताया जा रहा है कि राज्‍य के ऐसे 425 रेवेन्‍यू डिवीजन मॉनसून के आते ही प्रभावित हुए हैं. 

15 दिन में ही हुआ बड़ा नुकसान 

राज्‍य में मौसम इस बार मौसम में अजीबो-गरीब उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं. वेबसाइट अग्रोवन की रिपोर्ट की अनुसार राज्‍य के कृषि विभाग की तरफ से 2025-26 के खरीफ सीजन की बुवाई के लिए 156 लाख हेक्‍टेयर का अतिरिक्‍त लक्ष्‍य तय किया गया था.  विभाग की तरफ से उर्वरक और बीजों की योजना पर काम जारी है, कई जिलों में मई के पहले हफ्ते से ही बारिश शुरू हो गई है. पिछले 15 दिनों में ही राज्‍य में प्री-मॉनसून बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. खेतों में पानी भरा हुआ है और कई फसलें चौपट हो गई है. बारिश की वजह से किसान अभी अपने खेत में नहीं जा पा रहे हैं. कृषि विभाग के अनुसार राज्‍य में गर्मी और बागवानी की फसलों को प्री-मॉनसून बारिश की वजह से काफी नुकसान हुआ है. विभाग ने 23 मई तक 32 हजार हेक्‍टेयर तक में फसलों के चौपट होने का अनुमान लगाया है. 

मूंग से लेकर प्‍याज तक की फसल बर्बाद 

कृषि विभाग के अनुसार अमरावती जिले में मॉनसून के पहले यानी 5 मई से 21 मई तक हुई बारिश से सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ है. यहां पर 12,295 हेक्‍टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है जिसमें मूंग, प्‍याज, ज्‍वार, केला और संतरे जैसी अहम फसलें शामिल हैं. इसके बाद जलगांव और नासिक जिले में किसानों को सबसे ज्‍यादा नुकसान हुआ. यहां पर 4500 हेक्‍टेयर में लगी मक्‍का, ज्‍वार, कई सब्जियों, बाजरा, प्‍याज, केला, पपीता की फसलें बारिश से चौपट हो चुकी हैं. प्री-मानसून ने नासिक के 12 तालुका को नुकसान पहुंचाया है. यहां 3100 हेक्‍टेयर की फसल बर्बाद हो चुकी है जिसमें अनार और आम की फसलें भी शामिल हैं. 

इसी तरह से अहिल्‍यानगर में 1146 हेक्‍टेयर, जालना में 1726, हेक्‍टेयर, बुलढाणा में 2758 हेक्‍टेयर, चंद्रपुर में 1220 हेक्‍टेयर  में खड़ी फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गईं. इसके अलावा गोंदिया, गढ़चिरौली, नागपुर, वर्धा, वाशिम, यवतमाल, हिंगोली और नांदेड़ समेत राज्‍य के कुछ और खास जिलों का भी यही हाल है. 

कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह 

बारिश ने राज्‍य में कपास की बुवाई को भी प्रभावित किया है. शनिवार और रविवार यानी 24 और 25 मई को राज्‍य के कुछ हिस्‍सों में भारी बारिश हुई है. इसकी वजह से बुवाई में देरी हो रही है. कृषि विभाग के अनुसार अभी आठ से 10 दिन लगेंगे तब जाकर ये इलाके इतनी ज्‍यादा बारिश के असर से बाहर आ पाएंगे. अगर इस हफ्ते बारिश रुकती है तो भी किसानों को थोड़ा सा इंतजार करना होगा और उसके बाद जब मॉनसून फिर से एक्टिव होगा तो बुवाई की योजना बनानी होगी.  

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