किसानों की आय और उपज बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार तेजी से प्रयास कर रही है. डिजिटल तरीके से किसानों को सीधे देशभर के तमाम बाजारों से जोड़ा रहा है ताकि उनकी फसल का सही दाम उन्हें मिल सके और भंडारण में होने वाले खर्च से बचाया जा सके. पीएम मोदी ने कहा है कि तूर दाल की बिक्री के लिए लॉन्च हुए ई-पोर्टल पर किसान अन्य दालों को भी बेच सकेंगे. पोर्टल पर बिक्री के लिए एमएसपी रेट पर सरकार दाल खरीद करेगी.
विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि और किसानों को दिए जा रहे लाभों पर चर्चा की. पीएम ने कहा कि हमारे देश में किसानों को लेकर, कृषि नीति को लेकर जो चर्चाएं होती हैं, पहले की सरकारों में उसका दायरा भी बहुत सीमित था. किसान के सशक्तिकरण की चर्चा सिर्फ पैदावार और उपज की बिक्री के इर्दगिर्द तक सीमित रही. जबकि किसान को अपने दैनिक जीवन में तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने किसान की हर मुश्किल को आसान करने के लिए चौतरफा प्रयास किए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से हर किसान को कम से कम 30 हजार रुपए दिए जा चुके हैं. छोटे किसानों को मुसीबतों से बाहर निकालने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं. कृषि में सहकारिता को बढ़ावा देना, ये इसी सोच का परिणाम है. PACS हों, FPO हों, छोटे किसानों के ऐसे संगठन आज बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनते जा रहे हैं. भंडारण की सुविधा से लेकर फूड प्रोसेसिंग उद्योग तक किसानों के ऐसे अनेक सहकारी संगठनों को हम आगे ला रहे हैं.
पीएम ने कहा कि कुछ दिन पहले सरकार ने दाल की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ा निर्णय लिया है. किसानों को दाल बिक्री के लिए सरकार ने पोर्टल ई-समृद्धि https://esamridhi.in/#/ लॉन्च किया है. अब दाल उत्पादन करने वाले दाल किसान इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भी सीधे सरकार को दालें बेच पाएंगे. इसमें दाल किसानों को MSP पर खरीद की गारंटी तो मिलेगी ही साथ ही बाजार में भी बेहतर दाम सुनिश्चित होंगे. उन्होंने कहा कि अभी ये सुविधा तूर या अरहर दाल के लिए दी गई है. लेकिन आने वाले समय में दूसरी दालों के लिए भी इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. हमारा प्रयास है कि दाल खरीदने के लिए जो पैसा हम विदेश भेजते हैं, वो देश के ही किसानों को मिल सके.
सहकारी समितयां NAFED और NCCF ने दाल किसानों के लिए ई-पोर्टल ई-समृद्धि को विकसित किया है. पोर्टल की मदद से किसान सीधे अपनी दाल को ऑनलाइन बेच कर सीधे उसका भुगतान नेफेड और एनसीसीएफ के जरिए तुरंत अपने अकाउंट में पा सकेंगे. जबकि, पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों से सहकारी समितियां भी संपर्क कर उनसे दाल खरीदेंगी. इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बिचौलियों या व्यापारियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. इससे पूरी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. जबकि, दाल की सीधी खरीद से बफर स्टॉक बढ़ेगा और इससे आयात की निर्भरता घटेगी.
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