Peanut Farming: किसान मूंगफली की खेती कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, महाराष्ट्र में कितना है इसका क्षेत्र

Peanut Farming: किसान मूंगफली की खेती कर कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा, महाराष्ट्र में कितना है इसका क्षेत्र

इस खरीफ सीजन में किसान मूंगफली की आसान अतरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा और उत्पादन दोनों ले सकते हैं. जानिए इसकी खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी और किस्म 

मूंगफली की खेती से किसान कर सकते हैं मोठी कमाई मूंगफली की खेती से किसान कर सकते हैं मोठी कमाई
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Jul 13, 2023,
  • Updated Jul 13, 2023, 4:58 PM IST

मूंगफली भारत की महत्वपूर्ण तिलहनी फसल मानी जाती है.मूंगफली की खेती  यह लगभग सभी राज्यों में होती है लेकिन राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा कर्नाटक इन राज्य में सबसे ज्यादा इसकी खेती की जाती है. महाराष्ट्र में इसकी खेती 2.36 लाख क्षेत्र में इसकी खेती होती हैं. यहां 1082 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उपज होती है. मूंगफली में लगभग 45 से 55 प्रतिशत प्रोटीन 30 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है.

वहीं अच्छा उत्पादन के लिए कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है. वैसे तो इसकी खेती साल भर की जा सकती है लेकिन खरीफ सीजन की बात की जाए तो जून,जुलाई में इसकी बुवाई कर सकते हैं. इसकी बुवाई करते समय बीज शोधन जरूर कर लेना चाहिए.


कैसी होनी चाहिए  मिट्टी 

मूंगफली की खेती के लिए बलुई मिट्टी, मध्यम, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी चुना चाहिए साथ ही जिसमे पर्याप्त मात्रा में चूना और कार्बनिक पदार्थ हो. 

 उन्नत किस्में 

आपको आपको मूंगफली की अच्छी पैदावार लेनी है तो अच्छी किस्म के बीज उपयोग करें.मूंगफली की उन्नत किस्में आर.जी. 425, 120-130, एमए10 125-130, एम-548 120-126, टीजी 37ए 120-130, जी 201 110-120 प्रमुख हैं. इनके अलावा अन्य किस्में एके 12, -24, जी जी 20, सी 501, जी जी 7, आरजी 425, आरजे 382 हैं.

पानी का सही उपयोग

खरीफ मूंगफली के फूल आने की अवस्था (बुवाई के 20 से 30 दिन बाद), उभरने की अवस्था (40 से 45 दिन) और फलियां खिलाने की अवस्था (65 से 70 दिन) की स्थिति में, तनाव की स्थिति में बारिश का पानी डालना चाहिए. मूंगफली की बिजाई के 4-5 दिन बाद जमीन में पानी दें, ताकि बचे हुए बीज अंकुरित हो जाएं. फिर मिट्टी की खाद की तरह 8 से 10 दिनों के अंतराल पर 10 से 12 बार सिंचाई करें. अवधि के दौरान पानी के तनाव को मिट्टी में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए.

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कटाई और उत्पादन

फसल तैयार होने पर पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं. फली का खोल सख्त हो जाता है और फली का खोल अंदर से काला हो जाता है. इस प्रकार, यदि फसल तैयार होने के बाद उपरोक्त कटाई तकनीक का उपयोग किया जाता है, तो खरीफ में औसतन 18 से 20 क्विंटल/ हेक्टेयर की औसत उपज प्राप्त की जा सकती है.

कितनी लगती है लागत

मूंगफली की खेती में लागत के बाद किसानों को करीब 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लाभ हो सकता है.  सिंचित क्षेत्रों में मूंगफली की औसत पैदावार 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है. अगर सामान्य भाव 60 रुपये प्रति किलो रहा तो किसानों को खर्चा निकाल कर लगभग  80 हजार रुपये की अच्छी बचत होती है.
 

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