आपको पता है अभी आलू का क्या रेट चल रहा है? अगर कई दिनों से बाजार नहीं गए तो जरा एक बार आलू का भाव पता कर लें. हो सकता है आपको भरोसा न हो, लेकिन सच्चाई ये है कि अभी आलू 25 से 30 रुपये किलो चल रहा है. ये वही आलू है जो कभी 10-12 रुपये किलो बिकता था. इस तरह आम लोगों को अभी आलू का भाव दोगुना से भी अधिक देना पड़ रहा है. लेकिन क्या किसान भी इसी हिसाब से मुनाफा कमा रहे हैं? शायद नहीं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दो महीने पहले किसानों ने सड़कों पर, नालियों में अपने आलू इसलिए फेंक दिए क्योंकि कहीं पांच रुपये तो कहीं आठ रुपये किलो भाव मिल रहा था. ऐसे में सवाल है कि किसानों से पांच या आठ रुपये में खरीदा गया आलू खुले बाजार में आज 25-30 रुपये क्यों हो गया?
कर्नाटक का हसन जिला आलू का गढ़ कहा जाता है. यहां आलू की खेती बड़े पैमाने पर होती है और दूर-दराज के इलाकों में इसे सप्लाई किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ साल से उपज घट रही है. इस साल भी पैदावार कम हुई है जिससे दाम में तेजी देखी जा रही है. पूरा मामला सप्लाई कम और डिमांड अधिक वाला है जिससे आलू की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.
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दो महीने पहले आलू उत्पादक क्षेत्रों में बेमौसम बारिश से फसल को बहुत अधिक नुकसान हुआ. देश के उन सभी राज्यों में बारिश ने आलू की फसल को तबाह किया जहां इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है. इससे खेत में ही आलू की फसल खराब हो गई. बारिश ने मिट्टी के नीचे ही पूरी उपज को सड़ा दिया जिससे पैदावार घट गई.
देश के कई इलाकों से ऐसी खबरें आईं कि किसान को आलू के सही रेट नहीं मिले जिससे तंग आकर किसानों ने खेत से आलू की खुदाई करने की बजाय उसे नष्ट करना उचित समझा. किसानों की शिकायत थी कि आलू की खुदाई का जो खर्च आएगा, वह खर्च आलू बेचकर भी नहीं निकाला जा सकता. इस घाटे को देखते हुए किसानों ने खेत में ही आलू छोड़ दिए. यहां तक कि अगली फसल की तैयारी के लिए आलू सहित खेत पर ट्रैक्टर पर चला दिया. इससे पैदावार घट गई और आलू के दाम बढ़ गए.
आलू किसान अकसर अपनी उपज को खुदाई के बाद कुछ दिनों तक स्टोर रखते हैं और बाद में दाम बढ़ने पर उसे बेच देते हैं. इस बार ऐसा नहीं हो सका क्योंकि आलू पर बारिश की मार पड़ी थी और उपज पूरी तरह से भीग गई थी. किसान अगर उपज को स्टोर करके रखते तो उसके सड़ने का डर रहता. लेकिन किसानों ने अपनी को उपज को बेच दी. अब व्यापारियों ने इस उपज को बेचकर लाभ कमाना शुरू किया है.
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व्यापारियों ने किसानों से आलू खरीद कर कोल्ड स्टोरेज में रख दिया. अब आलू के रेट जब से बढ़े हैं, व्यापारियों ने उसे भारी लाभ पर बेचना शुरू किया है. इस तरह किसानों को जहां आलू के भाव अच्छे नहीं मिले, वहीं व्यापारी आलू बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस मुनाफे की वजह से आलू के भाव पहले से बढ़ गए हैं.