मध्य प्रदेश में चल रही धान खरीद के बीच दो दिनों तक हुई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. बीते दिन मंदसौर मंडी में बारिश से लहसुन भीगने और पानी में बहने के बाद किसानों के उसे समेटने की तस्वीरों और वीडियो ने मंडियों की व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा किया है. इसके बाद राज्य सरकार ने मंडियों रखे धान समेत दूसरी उपज को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने कहा कि मौसम खराब रहने की स्थिति में धान की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि को बढ़ाने का भी फैसला लिया जाएगा.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कृषि विभाग के अधिकारियों और मिलर्स से कहा है कि जिन किसानों की धान को खरीदा जा चुका है, उन्हें कम से कम समय में भुगतान की व्यवस्था की जाए. प्रक्रिया को सरल कर 3 से 4 दिनों में खरीद राशि का भुगतान हर हाल में कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए खुले में पड़े धान का जल्द से जल्द उठान कराएं और इसे बारिश से बचाएं. उन्होंने कहा कि गोडाऊन परिसर में भी यदि खरीदी गई धान खुले में रखी है तो उसे जल्द से जल्द अंदर रखवा लिया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में धान खुले आसमान के नीचे रखा है, खराब मौसम की आशंका को देखते हुए धान को बारिश से बचाने के लिए समितियां तत्काल तिरपाल आदि से खुले में पड़े धान को ढंक लें. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे किसानों से यह आग्रह करें कि मौसम को देखते हुए वे कुछ दिन रूककर या मौसम साफ होने पर ही अपना धान बिक्री के लिए मंडियों में लेकर आएं. उन्होंने कहा कि यदि मौसम ज्यादा दिन तक खराब रहता है तो सरकार धान खरीद की तय अवधि बढ़ाने पर भी विचार करेगी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे धान मिलर्स को निर्देशित करें कि वे भी अपने धान का जल्द से जल्द उठाव करा लें. उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से कहा कि वे खरीदी जा चुकी धान का तत्काल परिवहन कराकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और जरूरत के अनुसार व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया को सरल बनाया जाएं, ताकि तय समय-सीमा तक अधिकतम किसानों की धान खरीदी जा सके. किसानों से जो धान खरीद की जा रही है उसे धान मिलर्स को देने का प्रयास करें, इससे धान मिलिंग की प्रक्रिया पर लगने वाला समय, मेहनत और धन बचेगा.
राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार इस वर्ष 7.72 लाख किसानों ने धान बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. यह संख्या बीते साल 2023-24 में 7.27 लाख की तुलना में अधिक है. इस बार प्रदेश में 1393 धान खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें अब तक 22.86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. अब तक 3.48 लाख किसान अपना धान बेच चुके हैं. जिन किसानों से उपार्जन हो चुका है, उन्हें न्यूनतम समय में भुगतान की व्यवस्था की जा रही है.