Onion Price Rise: नासिक के प्याज व्यापारियों की हड़ताल जारी, अब तक किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान

Onion Price Rise: नासिक के प्याज व्यापारियों की हड़ताल जारी, अब तक किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान

जलवायु परिवर्तन का असर इस बार बारिश पर साफ दिखाई दिया. इससे बारिश के पैटर्न में भारी बदलाव देखने को मिला. अगस्त माह में बारिश की कमी किसानों के लिए मुसीबत बन गई है. ऐसे में नासिक के प्याज किसानों को इसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है.

नासिक के बाजार समितियों में छह दिनों से प्याज की नीलामी बंदनासिक के बाजार समितियों में छह दिनों से प्याज की नीलामी बंद
क‍िसान तक
  • Nashik,
  • Sep 26, 2023,
  • Updated Sep 26, 2023, 12:41 PM IST

लगातार छह दिनों से नासिक जिले की बाजार समितियों में प्याज की नीलामी बंद है. इन छह दिनों में अंदाजन 07 लाख क्विंटल से ज्यादा प्याज की आवक रुकी है. इतना ही नहीं 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार बाधित हुआ है. इससे न केवल व्यापारियों को घाटा हुआ है बल्कि किसान भी बहुत नुकसान में हैं. तभी किसानों और व्यापारियों की नजर महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवारके साथ मंगलवार को होने वाली बैठक पर है. इससे पहले जिले में किसानों का प्याज भी सड़ने लगा है. मामले में 25 सितंबर महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ ने वाणिज्य मंत्री के साथ बैठक से पहले लासलगांव बाजार समिति में प्याज उत्पादकों की एक बैठक बुलाई थी.

जिसमे प्याज एक्सपोर्ट पर लगी 40 % निर्यात शुल्क हटाने और NAFED-NCCF प्याज एपीएमसी मार्केट में ना बेचें ऐसी मांग की और सरकार से व्यापारियों की हड़ताल को जल्द खत्म कर प्याज की नीलामी शुरू करने की अपील की है.

करोड़ों का कारोबार हुआ ठप

जिले में प्रतिदिन करीब एक से डेढ़ लाख क्विंटल प्याज की आवक से औसतन 20 से 25 करोड़ रुपये का कारोबार होता है जो फिलहाल ठप हो गया है. लगातार छह दिनों से नीलामी बंद होने से 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार रुका हुआ है. इस बीच पालकमंत्री दादा भुसे, वित्तमंत्री अब्दुल सतार और कलेक्टर जलज शर्मा की ओर से पहल कर समाधान निकालने की कोशिश असफल रही है.

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घाटे का सौदा बन गई प्याज की खेती

नीलामी बंद होने के बाद से जिले के विभिन्न हिस्सों में बारिश भी बढ़ गयी है. हालांकि आगामी सीज़न के लिए बारिश अधिक है, लेकिन बारिश ने किसानों के लिए वर्तमान में मौजूद प्याज को बनाए रखने की चुनौती पैदा कर दी है. नासिक के पाथर्डी गांव के दीपक पाटिल का रखा प्याज खराब हो रहा है. अप्रैल 2023 में बेमौसम बारिश से 5 एकड़ खेतों में लगी प्याज को नुकसान हुआ है. उस वक्त उन्हें करीब 250 क्विंटल प्याज फेंकना पड़ा, बाकी प्याज उन्होंने स्टोर कर लिया और कुछ बेच दिया लेकिन 500 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला, जो घाटे का सौदा था, अब बहुत कम प्याज हैं इसलिए बाजार बंद है. इसके लिए वह सरकार को जिम्मेदार मानते हैं. यही हाल रबी यानी ग्रीष्मकालीन प्याज का, दीपक कहते हैं कि प्रति एकड़ 90 हजार से एक लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन लागत भी नहीं निकल पाई.

प्याज की खेती को हुआ नुकसान

वहीं, नासिक में भी खरीफ प्याज की खेती होती है, जिसकी नर्सरी की प्रैक्टिस बारिश के बाद जून-जुलाई में शुरू हो जाती है और सितंबर से यह प्याज बाजार में आना शुरू हो जाता है. लेकिन नासिक कृषि विभाग के अनुसार बारिश की कमी के कारण इस मॉनसून में अगस्त के अंत तक जिले में केवल 2% खरीफ प्याज की बुआई हो पाई है. नासिक से 100 किमी दूर मालेगांव तालुका के एरंडगांव में पूरे सीजन में सिर्फ 9 और 10 जुलाई की रात को बारिश हुई. किसान संदीप देवरे ने आगे बारिश की उम्मीद पर प्याज की नर्सरी की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने पांच एकड़ में प्याज लगाने के लिए बीज बोए, लेकिन बारिश नहीं हुई. यह मानते हुए कि अगस्त में बारिश होगी, उन्होंने गांव से 25 किमी दूर से टैंकर से पानी लाया और पौधों को सींचा. अब पौधे बड़े हो गए, लेकिन बारिश नहीं हुई, सिर्फ बादल छाए हुए हैं. जब आजतक की टीम शूटिंग कर रही थी तो बारिश तो हुई थी लेकिन इतनी बारिश पर्याप्त नहीं थी की फसल को बचाया जा सके. (नाशिक से प्रवीण ठाकरे की रिपोर्ट)

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