महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा है कि प्याज खरीद घोटाले की जांच होने तक बफर स्टॉक के लिए नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (NAFED) की खरीद बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक कंपनियों, अधिकारियों और व्यापारियों का एक सिंडीकेट नेफेड के माध्यम से प्याज की खरीद में किसानों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. बफर स्टॉक के लिए प्याज खरीद में भारी कदाचार हुआ है. इसलिए मामले की जांच होने तक केंद्र सरकार नेफेड और नेशनल कॉपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF) के लिए नासिक सहित महाराष्ट्र के सभी खरीद केंद्रों से प्याज की आगे की खरीद पूरी तरह से बंद कर दे.
दिघोले ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष बफर स्टॉक के लिए NAFED और NCCF के माध्यम से 5 (पांच) लाख टन प्याज खरीदने का लक्ष्य रखा है. धुले, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, अहमदनगर, पुणे, बीड, धाराशिव और सोलापुर आदि जिलों में प्याज उत्पादक कंपनियों के फेडरेशन ने टेंडर के जरिए प्याज खरीदने का फैसला किया है. ऐसा पता चला है कि किसानों से वर्तमान में प्याज न खरीदकर NAFED के लिए पहले ही सस्ता प्याज खरीदा गया. जिससे नेफेड और किसानों दोनों को नुकसान हुआ.
महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा देखने में आया कि आधार कार्ड की मुहर लगाकर ऑनलाइन खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी की गई. नेफेड के अध्यक्ष जेठाभाई अहीर के निरीक्षण में यह बात सामने आई है कि बफर स्टॉक के लिए प्याज खरीद में दलाली हो रही है.महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संगठन पहले ही एक लिखित पत्र और ईमेल के माध्यम से NAFED और NCCF के कार्यालय में गया था और मांग की थी कि प्याज की खरीद पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए. NAFED और NCCF को नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से सीधे किसानों से प्याज खरीदना चाहिए.
दिघोले ने कहा कि नेफेड अध्यक्ष ने प्याज की खरीद में बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन ने फर्जी खरीद के बारे में संदेह व्यक्त किया था. इस संदेह की पुष्टि खुद अपने औचक निरीक्षण में नेफेड के चेयरमैन ने कर दिया है. संगठन ने मांग की है कि जांच होने तक केंद्र सरकार NAFED और NCCF से बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीद बंद करवा दे.
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