Onion Price: न‍िर्यातबंदी की वजह से धुले में धुल गए क‍िसानों के अरमान, स‍िर्फ 1 रुपये क‍िलो पर बेचना पड़ा प्याज

Onion Price: न‍िर्यातबंदी की वजह से धुले में धुल गए क‍िसानों के अरमान, स‍िर्फ 1 रुपये क‍िलो पर बेचना पड़ा प्याज

महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है लेक‍िन आरोप है क‍ि यहां के क‍िसानों को सरकार की वजह से सही दाम नहीं म‍िल रहा है. इसल‍िए क‍िसानों का कहना है क‍ि जब उन्हें प्याज उगाकर कोई फायदा ही नहीं म‍िलने वाला तो इसकी खेती क्यों करेंगे. इसकी खेती वो बंद कर देंगे. फ‍िर क्या होगा? 

प्याज़ का मंडी भाव
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Apr 27, 2024,
  • Updated Apr 27, 2024, 2:43 PM IST

महाराष्ट्र में प्याज उत्पादन के ल‍िए स‍िर्फ नास‍िक ही नहीं मशहूर है. धुले ज‍िला भी इसमें शाम‍िल है. लेक‍िन न‍िर्यातबंदी ने यहां के क‍िसानों के अरमान भी धुल द‍िए हैं. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केट‍िंग बोर्ड के अनुसार धुले मंडी में 26 अप्रैल को मात्र 2783 क्व‍िंटल प्याज ब‍िकने आने के बावजूद क‍िसानों को स‍िर्फ एक रुपये क‍िलो का न्यूनतम दाम म‍िला. अध‍िकतम दाम भी स‍िर्फ 13 रुपये क‍िलो रहा. जबक‍ि औसत दाम भी स‍िर्फ 11 रुपये क‍िलो रहा. सारे दाम प्याज के उत्पादन लागत से कम हैं. बहुत कम आवक के बावजूद राज्य की ज्यादातर मंड‍ियों में अध‍िकतम दाम भी क‍िसानों को 15 रुपये क‍िलो तक ही म‍िल रहा है. क‍िसानों का कहना है क‍ि यही हाल रहा तो अगले साल क‍िसान प्याज की खेती और कम कर देंगे. 

महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि जब भी दाम बढ़ता है सरकार उसे रोक देती है. अगर सरकार जनता को फ्री में प्याज बांटना चाहती है तो क‍िसानों का नुकसान करके ऐसा क्यों कर रही है. सरकार लागत मूल्य पर मुनाफा देकर क‍िसानों से खरीदे और उसे पीडीएस के माध्यम से बांट दे. जैसे गेहूं खरीदती है. इससे महंगाई भी नहीं बढ़ेगी और क‍िसानों को नुकसान भी नहीं होगा. द‍िघोले का कहना है क‍ि इस चुनाव में महाराष्ट्र के क‍िसान उन लोगों को जवाब दे रहे हैं ज‍िनकी वजह से लाखों का नुकसान हुआ है. न‍िर्यात बंदी की वजह से पूरे राज्य में प्याज क‍िसान बेहाल हैं. उन्हें दाम नहीं म‍िल रहा है. 

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खेती और कम होगी 

महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है लेक‍िन यहां के क‍िसानों को सरकार की वजह से सही दाम नहीं म‍िल रहा है. इसल‍िए क‍िसानों का कहना है क‍ि जब उन्हें प्याज उगाकर कोई फायदा ही नहीं म‍िलने वाला तो इसकी खेती क्यों करेंगे. इसकी खेती वो बंद कर देंगे. बाद में सरकार देश को ख‍िलाने के ल‍िए खाने के तेल और दालों की तरह प्याज का भी आयात करेगी. क‍िसानों ने अपने गुस्से का ट्रेलर द‍िखा भी द‍िया है. महाराष्ट्र में 2021-22 में 9,46,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हुई थी. जबकि यह 2022-23 में घटकर 8,09,000 हेक्टयर रह गई. इसका मतलब 1,37,000 हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की खेती कम हो गई है. इसकी वजह से यहां पर उत्पादन में भारी ग‍िरावट देखी गई है. 

क‍िस मंडी में क‍ितना है दाम 

  • पुणे की मोशी मंडी में 27 अप्रैल को स‍िर्फ 419 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम स‍िर्फ 400, अधिकतम 1400 और औसत दाम मात्र 900 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • सोलापुर ज‍िले की अकलूज मंडी में 26 अप्रैल को स‍िर्फ 270 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम स‍िर्फ 200, अधिकतम 1500 और औसत दाम मात्र 1000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा. 
  • जुन्नर (नारायणगांव) मंडी में 26 अप्रैल को स‍िर्फ 24 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम स‍िर्फ 300, अधिकतम 1250 और औसत दाम मात्र 800 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.  
  • सोलापुर की मंगलवेढ़ा मंडी में 26 अप्रैल को स‍िर्फ 32 क्व‍िंटल प्याज की आवक हुई. इसके बावजूद न्यूनतम दाम स‍िर्फ 300, अधिकतम 1400 और औसत दाम मात्र 1220 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल रहा.

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