अब नहीं होगी प्याज की बर्बादी, इस विधि से सरकार 5000 टन करेगी भंडारण, कीमतें भी रहेंगी नियंत्रित

अब नहीं होगी प्याज की बर्बादी, इस विधि से सरकार 5000 टन करेगी भंडारण, कीमतें भी रहेंगी नियंत्रित

सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नेफेड को किसानों से बफर के लिए बाजार मूल्य पर 0.5 मिलियन टन (एमटी) प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया था, क्योंकि रबी की फसल बाजार में आनी शुरू हो गई है.

प्याज के भंडारण को लेकर सरकार ने बनाया बड़ा प्लान. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 27, 2024,
  • Updated Apr 27, 2024, 11:31 AM IST

प्याज की शेल्फ-लाइफ को बेहतर बनाने और भंडारण के दौरान नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा प्लान तैयार किया है. सरकार ने इस साल 5000 टन प्याज को विकिरणित करने का लक्ष्य रखा है. खास बात यह है कि प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के तहत बफर स्टॉकिंग के लिए प्याज किसानों से खरीदा जाएगा. पिछले साल एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर केवल 1200 टन प्याज को गामा किरणों का उपयोग करके विकिरणित किया गया था. यह प्रोटोकॉल भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) द्वारा विकसित किया गया है. 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीएआरसीने प्याज-विशिष्ट विकिरण और शीत भंडारण प्रणाली विकसित की है, जो 'रबी' प्याज के भंडारण अवधि को 7.5 महीने तक बढ़ाती है. वहीं, उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव निधि खरे के अनुसार, विकिरण विधि से भंडारण करने से प्याज का नुकसान 25 फीसदी से घटकर 10 प्रतिशत पर पहुंच गया है. सरकार वर्तमान में नासिक स्थित लासलगांव में बीएआरसी के सहयोग से निर्मित विकिरण सुविधा की उपस्थिति का विस्तार करने पर विचार कर रही है.

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नुकसान को किया जाएगा कम

सरकार विकिरण के बाद खरीदे गए प्याज को लासलगांव से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली जैसे उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक कोल्ड स्टोरेज में परिवहन करने पर भी विचार कर रही है, जिससे परिवहन घाटे में कमी आने की संभावना है. विकिरण का एक अन्य उद्देश्य भंडारण के दौरान प्याज के अंकुरण के कारण होने वाले नुकसान को नियंत्रित करना है. खरे ने एफई को बताया कि यह प्रोटोकॉल प्याज भंडारण की दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करेगा और फसल के बाद के नुकसान को कम करेगा. साथ ही बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव में मदद करेगा.

0.5 मिलियन टन प्याज खरीदने का निर्देश

पिछले महीने, सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नेफेड को किसानों से बफर के लिए बाजार मूल्य पर 0.5 मिलियन टन (एमटी) प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया था, क्योंकि रबी की फसल बाजार में आनी शुरू हो गई है. खरीदे गए प्याज का उपयोग बफर स्टॉकिंग के साथ-साथ कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना को रोकने के लिए एक साथ खरीद और निपटान के माध्यम से हस्तक्षेप के रूप में किया जाता है. 2023 में नेफेड और एनसीसीएफ ने बफर के लिए किसानों से 0.64 मीट्रिक टन प्याज खरीदा था.

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कितनी है प्याज की कीमत

एक आधिकारिक नोट के अनुसार, नेफेड और एनसीसीएफ द्वारा निरंतर खरीद ने 2023 में पूरे वर्ष प्याज किसानों के लिए लाभकारी कीमतों की गारंटी दी है. इसमें कहा गया है कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कीमतों और वैश्विक उपलब्धता चिंताओं के मुकाबले समग्र घरेलू उपलब्धता के कारण प्याज निर्यात प्रतिबंध को बढ़ाने का हालिया निर्णय आवश्यक हो गया है. मॉडल खुदरा कीमतें वर्तमान में 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही हैं, जबकि एक साल पहले यह 20 रुपये प्रति किलोग्राम बताई गई थी. मार्च में खुदरा महंगाई दर 36.88 फीसदी थी. वहीं, पिछले महीने विदेश व्यापार महानिदेशालय की एक अधिसूचना में कहा गया था कि प्याज पर 31 मार्च तक वैध निर्यात प्रतिबंध को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.

 

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