गर्मी में खीरे की खेती से भरेगी किसानों की झोली! इन बातों का ध्यान रखेंगे तो होगी बंपर पैदावार

गर्मी में खीरे की खेती से भरेगी किसानों की झोली! इन बातों का ध्यान रखेंगे तो होगी बंपर पैदावार

खीरे की बुआई मैदानी क्षेत्रों में दो बार की जाती है. गर्मी के मौसम में इसकी बुआई अप्रैल से मई तक की जाती है. वहीं, बरसात के लिए किसान इसकी खेती जून-जुलाई में भी कर सकते हैं. वहीं खीरे की खेती के लिए 32 से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है.

खीरे की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Apr 27, 2024,
  • Updated Apr 27, 2024, 12:26 PM IST

गर्मी के मौसम में तेज धूप और चिल्लाती गर्मी के बीच शरीर को काफी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में गर्मी के सीजन में रसदार फल और सब्जियों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. इसी क्रम में गर्मी में खेती करने के लिए खीरे की खेती कर सकते हैं. दरअसल खीरे की डिमांड बाजारों में सालों भर बनी रहती है. डिमांड को देखते हुए खीरे की खेती करना किसानों के लिए मुनाफे वाला सौदा साबित हो सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कैसी की जाती है खीरे की खेती और खेती में क्या रखना चाहिए ध्यान.

खेती का समय और जलवायु

खीरे की बुआई मैदानी क्षेत्रों में दो बार की जाती है. गर्मी के मौसम में इसकी बुआई अप्रैल से मई तक की जाती है. वहीं, बरसात के लिए किसान इसकी खेती जून-जुलाई में भी कर सकते हैं. वहीं खीरे की खेती के लिए 32 से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उपयुक्त माना जाता है. साथ ही ज्यादा तापमान या अधिक बारिश होने से इसमें रोगों और कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है. इसके लिए जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.

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खेती में इन बातों का रखें ध्यान

खीरे की बुवाई के समय खेत में तैयार किए गए प्रत्येक गड्ढे में 3 से 4 बीज लगाना चाहिए. वहीं जब बीज अंकुरित होकर बाहर आ जाए तो दो छोड़कर बाकियों को उखाड़ देना चाहिए. इसके बाद खेतों में 60 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से खाद और गोबर का छिड़काव करना चाहिए. साथ ही किसान ये ध्यान रखें कि इसका पहला छिड़काव बुवाई के समय फिर दूसरा छिड़काव पत्तियों के आने पर और अंतिम छिड़काव फूल आने पर करना चाहिए.

इसके अलावा बरसात के दिनों में पौधों को सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है. वहीं शुष्क मौसम में 4 से 5 दिनों के अंतराल में इसकी सिंचाई करते रहना चाहिए. साथ ही खेत में जल निकासी का विशेष प्रबंध करना चाहिए. वहीं खरपतवार नियंत्रण के लिए जरूरत के अनुसार निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए.

खीरे की खासियत और कमाई

खीरे की सबसे खास बात यह है कि इसे किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है. इसके लिए किसी खास मिट्टी का जरूरत नहीं होती है. बता दें कि खीरे में ठीक ठाक पानी की मात्रा मानी जाती है. ऐसे में गर्मियों में इसकी खपत बढ़ जाती है. इस फसल को तैयार होने में भी ज्यादा वक्त नहीं लगता है. विशेषज्ञों का मानना है खीरे की फसल 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है.

ऐसे में इस वक्त किसान इस फसल की बुवाई कर अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं कृषि विशेषज्ञों की मानें तो एक एकड़ खेत में लगभग 400 क्विंटल तक खीरे का उत्पादन कर सकते हैं. खीरे की खेती से प्रति सीजन 20 से 25 हजार की लागत में आराम से लगभग 50 से 60 हजार रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं.

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