ओडिशा के क्योंझर में रहस्यमयी बीमारी ने बर्बाद की धान की फसल, किसानों पर टूटा आर्थिक संकट

ओडिशा के क्योंझर में रहस्यमयी बीमारी ने बर्बाद की धान की फसल, किसानों पर टूटा आर्थिक संकट

क्योंझर जिले के हजारों हेक्टेयर में धान की फसल कटाई से पहले ही नष्ट. किसानों का आरोप — रहस्यमयी बीमारी और कीड़ों के दोहरे हमले से चौपट हुई मेहनत. कृषि विभाग ने शुरू की जांच.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Nov 06, 2025,
  • Updated Nov 06, 2025, 6:06 PM IST

ओडिशा के क्योंझर जिले के सदर ब्लॉक में एक गंभीर कृषि संकट सामने आ रहा है. किसानों ने बताया है कि कटाई का मौसम शुरू होने से ठीक पहले हजारों हेक्टेयर में धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इस अचानक और बड़े पैमाने पर हुए नुकसान से स्थानीय किसान समुदाय बहुत ज्यादा आर्थिक परेशानी में आ गया है. किसानों का कहना है कि धान की फसल में एक रहस्यमयी बीमारी लगी है जो फसल बर्बाद कर रही है.

क्यों खराब हो रही धान की फसल?

यह समस्या बीमारी और कीड़ों के दोहरे हमले के कारण लग रही है. किसानों ने सबसे पहले धान के पौधों की पत्तियां पीली पड़ते हुए देखीं. इसके बाद, धान की बालियां पूरी तरह से सूख गईं और उनमें कोई दाना नहीं आया. इस रहस्यमयी बीमारी को 'चकाड़ा पोका' नाम के ब्राउन प्लांट हॉपर के हमले ने और भी खराब कर दिया है. यह कीड़ा पौधों का रस चूस लेता है, जिससे नुकसान और बढ़ जाता है और फसल का नुकसान तेजी से होता है.

क्योझर में यह तबाही बड़े पैमाने पर फैली हुई है, जिससे शंकरी, बौरिपाड़ा, काठबाड़ी और गोबर्धन सहित कई पंचायतों पर असर पड़ा है. किसान बहुत परेशान हैं, उनका कहना है कि उन्होंने खेती के लिए एक साल की कड़ी मेहनत की थी और लोन भी लिया था. उन्होंने यह भी बताया कि स्टैंडर्ड कीटनाशक और फसल को बचाने वाले केमिकल स्प्रे इस अनजान बीमारी के खिलाफ पूरी तरह से बेअसर साबित हुए.

बीमारी की सरकारी जांच जारी

इसके जवाब में, सदर ब्लॉक के कृषि अधिकारियों ने प्रभावित खेतों का दौरा करना शुरू कर दिया है. सदर कृषि अधिकारी सुशांत कुमार पांडा ने पुष्टि की कि जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि यह समस्या कोई एक खास बीमारी नहीं हो सकती है, बल्कि यह पर्यावरणीय तनाव का नतीजा हो सकता है. 

उन्होंने सुझाव दिया कि हाल ही में मौसम में हुई अनियमितताएं, जैसे कि बहुत ज्यादा बारिश और तापमान में अचानक वृद्धि, इसके संभावित कारण हो सकते हैं. अधिकारियों ने सटीक कारण पता लगाने के लिए लैब एनालिसिस के लिए खराब फसल के सैंपल इकट्ठा किए हैं.

धान की रहस्यमयी बीमारी के बारे में

फसल खराब होने की घटना कटाई से ठीक पहले हुई, जिससे लोन लेने वाले किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
यह समस्या 'चकाड़ा पोका' (ब्राउन प्लांट हॉपर) के हमले से और भी बढ़ गई है, जो पौधों का रस चूस रहा है.
कृषि अधिकारी इस घटना की जांच कर रहे हैं और उन्हें शक है कि मौसम में अनियमितता इसका एक मुख्य कारण हो सकता है.

ओडिशा में धान मुख्य फसल

ओडिशा के किसानों के लिए धान की फसल चौपट होना गंभीर समस्या है क्योंकि उनके लिए धान की उपज मायने रखती है. ओडिशा के किसान धान की फसल केवल खाने के लिए नहीं बल्कि बेचने और धार्मिक महत्व के लिहाज से भी उगाते हैं. धान और उससे निकला चावल ओडिशा के किसानों के लिए बेहद अहम है. ओडिशा के लोगों के भोजन का मुख्य हिस्सा भी चावल है. इसलिए रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आने से फसल बर्बाद होना किसानों के लिए बड़े नुकसान का मामला बन गया है.

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