दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने में जुटा नेफेड, सरकार ने 2027 तक रखा है आत्मन‍िर्भर होने का लक्ष्य 

दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने में जुटा नेफेड, सरकार ने 2027 तक रखा है आत्मन‍िर्भर होने का लक्ष्य 

Pulses Production: नेफेड ने दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के ल‍िए ग्लोबल पल्स कन्फेडरेशन (जीपीसी) से म‍िलाया हाथ. इस साल 14 से 17 फरवरी तक नई दिल्ली में आयोज‍ित होगा पल्सेस कन्वेंशन. दलहन की खेती करने वाले 40 देशों के 800 लोग करेंगे उत्पादन बढ़ाने पर मंथन. 

 दलहन फसलों का कैसे बढ़ेगा उत्पादन.  दलहन फसलों का कैसे बढ़ेगा उत्पादन.
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Jan 12, 2024,
  • Updated Jan 12, 2024, 10:07 PM IST

नेफेड ने दलहन के मामले में भारत को आत्मन‍िर्भर बनाने के ल‍िए काम शुरू कर द‍िया है. इसके तहत एमएसपी पर खरीदने के ल‍िए नेफेड न स‍िर्फ दलहन उत्पादन करने वाले क‍िसानों का रजिस्ट्रेशन कर रहा है बल्क‍ि इसने दालों के उत्पादन और खपत में वृद्धि की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से कार्यक्रमों की रूपरेखा भी बनानी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में ग्लोबल पल्स कन्फेडरेशन (जीपीसी) और नेफेड म‍िलकर 14 से 17 फरवरी, 2024 तक नई दिल्ली में 'पल्सेस कन्वेंशन' आयोज‍ित करेगा. नेफेड किसानों से एमएसपी पर दालों की खरीद और वितरण की योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार की प्रमुख नोडल एजेंसी है. 

दरअसल, दालों के बढ़ते आयात के बीच केंद्रीय सहकार‍िता मंत्री अम‍ित शाह ने दिसंबर 2027 तक देश को दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखते हुए कहा है क‍ि हम जनवरी 2028 से एक किलो दाल भी आयात नहीं करेंगे. नेफेड अब इसी लक्ष्य को पूरा करने के ल‍िए काम में जुट गया है. अब किसान उत्पादन करने से पहले ही नेफेड से अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे. रज‍िस्ट्रेशन करवाने वाले क‍िसानों से एमएसपी पर उनके दलहन की शत-प्रतिशत खरीद की जाएगी.

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कन्वेंशन में आएंगे 40 देशों के लोग

इस कन्वेंशन में 40 से अधिक देशों के 800 प्रतिभागियों के भारत आने की उम्मीद है. ये वो देश होंगे जो दुनिया के बड़े दाल उत्पादक और उपभोक्ता हैं. नई दिल्ली में आयोज‍ित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीपीसी बोर्ड के अध्यक्ष विजय अयंगर ने कहा क‍ि 'पल्सेस कन्वेंशन' दालों के प्रत‍ि लोगों की द‍िलचस्पी बढ़ाएगा. सभी प्रकार की दालों पर विशेष पैनल चर्चा होगी. इसमें उत्पादन बढ़ाने के ल‍िए इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, क‍िसानों और नीति निर्माताओं की ओर से अपने व‍िचार साझा क‍िए जाएंगे.

दालों का उत्पादन बढ़ाने में म‍िलेगी मदद

अयंगर ने कहा क‍ि वैश्विक दलहन व्यापार को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के साथ-साथ, जीपीसी एक स्थायी भविष्य के लिए दालों को स्मार्ट फसलों के रूप में स्थापित करने के लिए काम कर रहा है. यह संगठन जलवायु परिवर्तन, कुपोषण और खाद्य असुरक्षा के प्रभावों को कम करने के लिए दुनिया भर में दालों की खपत और उत्पादन बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. अब नेफेड के जर‍िए भारत में यह काम काम करेगा. 

जीपीसी और नेफेड ने 12 जून, 2019 को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में पल्स 2019 कन्वेंशन में सूचना साझा करने, उत्पादन और उपभोग, अनुसंधान, प्रचार और दालों के व्यापार आदि के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. साल 1962 में स्थापित जीपीसी वैश्विक दाल उद्योग के लिए एक गैर-लाभकारी व्यापार संघ है जो खेत से लेकर व‍ितरण तक दलहन के पूरे वैल्यू चेन का प्रतिनिधित्व करता है. 

खाद फैक्ट्री के रूप में काम करती हैं दलहन फसलें

इस मौके पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा क‍ि सरकार की कोश‍िश है क‍ि क‍िसानों को अच्छा दाम म‍िले और उपभोक्ताओं को सस्ती दाल म‍िले. नेफेड के एमडी र‍ितेश चौहान ने कहा क‍ि दलहन की फसल खेत में खाद की फैक्ट्री के रूप में काम करती है. इसल‍िए क‍िसानों के ल‍िए इसकी खेती महत्वपूर्ण है. जब भारत में खाद्य सुरक्षा और पोषण की बात आती है तो दालों का महत्व काफी बढ़ जाता है. अतिरिक्त प्रबंध निदेशक सुनील कुमार सिंह ने नेफेड की ओर से दलहन उत्पादन बढ़ाने के ल‍िए क‍िए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी.इस मौके पर ग्लोबल पल्स कन्फेडरेशन के सीईओ रेंडी डकवर्थ भी मौजूद रहे. 

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