भारत में मोटे अनाज (Millets) का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. कभी गरीबों का भोजन कहे जाने वाला मोटा अनाज आज अमीरों की भी पसंद बनता जा रहा है. स्वास्थ्य की दृष्टि से इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. खासकर डायबिटीज के लोगों को मोटे अनाज खाने की सलाह दी जाती है. हाल के वर्षों में इसकी खेती कम हो गई थी. इससे बाजारों में सप्लाई भी कम हो गई थी. लेकिन सरकार ने इसे प्रोत्साहन देना शुरू किया है. अब भारत मोटे अनाज के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बना रहा है. यही वजह है कि स्थानीय स्तर पर खपत की कौन पूछे, भारत आज दुनिया के कई देशों को मोटा अनाज निर्यात करता है.
सरकार के वाणिज्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत आज कई मोटे अनाजों (millets export) का निर्यात कर रहा है. इन अनाजों में बाजरा, रागी, ज्वार, केनरी और बकव्हीट के नाम हैं. भारत से जिन दस देशों को मोटा अनाज निर्यात हो रहा है उनमें संयुक्त अरब आमिरात, नेपाल, सऊदी अरब, लिबिया, ओमान, मिस्र, ट्यूनिशिया, यमन, यूके और अमेरिका के नाम शामिल हैं. इन 10 देशों में भारत के मोटे अनाजों की बिक्री तेज हुई है.
भारतीय मोटे अनाजों के निर्यात (millets export from india) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने 16 अंतरराष्ट्रीय व्यापार एक्स्पो और क्रेता-विक्रेता बैठकों में निर्यातकों, किसानों और व्यापारियों की भागीदारी में सहायता देने की योजना बनाई है. मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की भारत की नीति के अनुसार भारतीय मोटे अनाजों की ब्रांडिंग और प्रचार में विदेश स्थित भारतीय मिशनों का सहयोग लिया जाएगा. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शेफ (रसोइयों) के साथ-साथ डिपार्टमेंटल स्टोर, सुपर मार्केट और हाइपर मार्केट जैसे संभावित खरीदारों की पहचान की जाएगी ताकि बी2बी बैठक की जा सके और प्रत्यक्ष रूप से संपर्क किया जा सके.
भारत विश्व में मोटे अनाजों (millets) के अग्रणी उत्पादकों में एक है और वैश्विक उत्पादों में भारत का अनुमानित हिस्सा लगभग 41 प्रतिशत है. एफएओ के अनुसार वर्ष 2020 में मोटे अनाजों का विश्व उत्पादन 30.464 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हुआ और भारत का हिस्सा 12.49 एमएमटी था, जो कुल मोटा अनाज उत्पादन का 41 प्रतिशत है. भारत ने 2021-22 में मोटा अनाज उत्पादन में 27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि इससे पहले के वर्ष में यह उत्पादन 15.92 एमएमटी था.
भारत के टॉप पांच मोटा अनाज उत्पादक राज्यों में राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश शामिल हैं मोटा अनाज निर्यात का हिस्सा कुल उत्पादन का एक प्रतिशत है. भारत के मोटे अनाज के निर्यात में मुख्य रूप से संपूर्ण अनाज है और मोटे अनाजों के मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात बहुत कम है. लेकिन अनुमान है कि वर्ष 2025 तक मोटे अनाज का बाजार वर्तमान 9 बिलियन डॉलर बाजार मूल्य से बढ़कर 12 बिलियन डॉलर हो जाएगा.