अचानक खेत में पहुंचे डीएम और सोयाबीन की बुआई की, अपनाई ये खास तकनीक

अचानक खेत में पहुंचे डीएम और सोयाबीन की बुआई की, अपनाई ये खास तकनीक

Maharashtra news: महाराष्ट्र के धाराशिव में डीएम ने खेत में पहुंचकर किसानों को सोयाबीन की खेती के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने खुद से मशीन और ट्रैक्टर चलाकर इस खास तकनीक से सोयाबीन की खेती की. 

सोयाबीन की बुआईसोयाबीन की बुआई
क‍िसान तक
  • Dharashiv,
  • Jun 20, 2025,
  • Updated Jun 20, 2025, 2:35 PM IST

सरकारी योजनाएं केवल कागजों पर लागू करने के लिए नहीं होतीं, बल्कि उन्हें किसानों के खेतों तक उतारकर प्रत्यक्ष अमल में लाना जरूरी है. इसका जीवंत उदाहरण महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में देखने को मिला. दरअसल, वहां के जिलाधिकारी कीर्ती किरण पुजार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैनाक घोष ने खुद ट्रैक्टर चलाकर BBF (ब्रॉड बेड फरो) तकनीक से सोयाबीन की बुआई की और किसानों को एक अनूठा संदेश दिया.

DM ने की सोयाबीन की बुवाई

प्रशासन ने किसानों के सामने प्राकृतिक खेती, यांत्रिक बीज प्रक्रिया और आधुनिक तकनीकों के उपयोग का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया. इस मौके पर टोकन मशीन द्वारा रोपण और शंखी घोंघा नियंत्रण का प्रदर्शन भी किया गया. ढोकी गांव के किसान रामभाऊ केरबा पवार के खेत में यह बुआई और बीज प्रक्रिया संपन्न हुआ. जब जिलाधिकारी और सीईओ ने खुद ट्रैक्टर पर बैठकर बीज की बुआई की, तब वहां उपस्थित किसानों के बीच उत्साह और प्रेरणा की लहर दौड़ गई.

DM ने किसानों को दिया संदेश

इस पहल के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि सरकारी योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना ही असली सफलता है. जिलाधिकारी कीर्ती किरण पुजार ने इस काम के माध्यम से यह संदेश दिया कि “अब वक्त है नेतृत्व को सिर्फ भाषणों में नहीं, बल्कि कामों में दिखाने का” इस कार्यक्रम में जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, उपविभागीय कृषि अधिकारी, तालुका कृषि अधिकारी, और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे.

जानिए BBF तकनीक क्या है

ब्रॉड बेड फरो (BBF) तकनीक, जिसे चौड़ी क्यारी और खांचा प्रणाली भी कहा जाता है, एक कृषि पद्धति है जिसमें फसल उगाने के लिए चौड़ी क्यारियां (बेड) और उनके बीच में खांचे (फरो) बनाए जाते हैं. यह तकनीक पानी की बचत, मिट्टी स्वास्थ्य और फसल उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करती है.

BBF तकनीक के क्या हैं फायदे

BBF तकनीक से फसल की पैदावार पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक होती है. वहीं, इस तकनीक से पानी के उपयोग को बेहतर बनाती है और पानी की बचत करती है. इसके अलावा BBF तकनीक मिट्टी के कटाव को कम करती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है. वहीं, क्यारियों और खांचों के कारण खरपतवारों को नियंत्रित करना आसान हो जाता है. (गणेश सुभाष जाधव की रिपोर्ट)

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