फाइबर और आयोडीन से भरपूर है भिंडी की ये किस्म, पहली तुड़ाई के लिए 40 दिन में हो जाती है तैयार

फाइबर और आयोडीन से भरपूर है भिंडी की ये किस्म, पहली तुड़ाई के लिए 40 दिन में हो जाती है तैयार

किसान भिंडी की कई ऐसी किस्में उगाते हैं जिसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. ऐसी ही एक किस्म है जिसमें फाइबर और आयोडीन पाए जाते हैं. वहीं, इस किस्म की खासियत यह है कि ये किस्म 40 दिनों में पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है.

भिंडी की किस्मभिंडी की किस्म
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Aug 02, 2024,
  • Updated Aug 02, 2024, 12:44 PM IST

भारत में भिंडी की खेती व्यावसायिक फसल के तौर पर की जाती है. इसकी खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में अधिक मात्रा में की जाती है. दरअसल, भिंडी आम लोगों के बीच एक लोकप्रिय सब्जी है. आपको बता दें, कि भिंडी लंबे समय तक उपज देती है, लेकिन कई बार किसान इसकी खेती करते समय कंफ्यूज रहते हैं कि कौन सी किस्म की खेती करके अधिक उपज पा सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको भिंडी की एक ऐसी किस्म के बारे में बताएंगे जिसमें फाइबर और आयोडीन भरपूर है. साथ ही यह किस्म पहली तुड़ाई के लिए 40 दिन में तैयार हो जाती है.

अर्का निकिता किस्म की खासियत

भिंडी की अर्का निकिता (एफ1 हाइब्रिड) एक संकर किस्म है, जिसे 2017 के दौरान संस्थान वीटीआईसी द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म में बहुत जल्दी फूल आ जाते हैं. इसमें पहला फूल आने में 39 दिन और फलों की पहली तुड़ाई में 43 दिन लगते हैं. इस किस्म का फल गहरा हरा, मध्यम, चिकना और कोमल होता है. वहीं ये किस्म पौष्टिक रूप से एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर होता है. साथ ही इसमें 33 ग्राम आयोडीन पाया जाता है. ये किस्म 125-130 दिनों की अवधि में 21-24 टन प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है.

ये भी पढ़ें:- पत्तागोभी की अधिक उपज के लिए ऐसे तैयार करें खेत, इन अगेती और पछेती किस्मों की कर सकते हैं बुवाई

भिंडी की इस विधि से करें खेती 

भिंडी की बुवाई करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इसकी बुवाई सीधी लाइन में ही करनी चाहिए. आजकल एक और ट्रेंड चल रहा है कि उठी हुई क्यारियों में इसकी बुवाई की जाती है. इसमें कम से कम 15 से 20 सेंटीमीटर ऊंची मेड़ बनाकर इसकी बुवाई करनी चाहिए. इसके कई फायदे होते हैं, जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा पौधों को मिलती रहती है. वहीं, जायद और गर्मी वाली भिंडी की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए.

भिंडी की खेती में ऐसे करें सिंचाई

सिंचाई व्यवस्था की बात करें तो अगर खेत में नमी न हो तो बुवाई के पहले एक सिंचाई करनी चाहिए. इसके बाद 8 से 10 दिन के बाद सिंचाई की जरूरत होती है. सिंचाई के लिए फव्वारे या ड्रिप का प्रयोग करें, जिससे पानी की भी बचत होती है और पौधों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई मिलती है. ड्रिप का प्रयोग करने से लगभग 80 फीसदी पानी की बचत होती है और घुलनशील पोषक तत्व भी ड्रिप के जरिए दिए जा सकते हैं.

MORE NEWS

Read more!