अत्यधिक बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई पर असर, बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी पड़ी

अत्यधिक बारिश से खरीफ फसलों की बुवाई पर असर, बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी पड़ी

अत्यधिक बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार धीमी पड़ी है. जानिए किस फसल का क्षेत्रफल बढ़ा और कौन सी फसलों को नुकसान पहुंचा है. कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के साथ पूरी रिपोर्ट.

खरीफ फसलों की बुवाई धीमीखरीफ फसलों की बुवाई धीमी
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 02, 2025,
  • Updated Sep 02, 2025, 11:11 AM IST

भारत में इस साल खरीफ सीजन की फसल बुवाई शुरूआत में तेज रही थी, लेकिन हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने इस रफ्तार को धीमा कर दिया है. कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बुवाई का कुल रकबा अब सामान्य के करीब पहुंच चुका है, लेकिन पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी की रफ्तार कम हो गई है. लगातार हो रही बारिश ने ना सिर्फ आम जनता बल्कि किसानों को काफी परेशानी हो रही है. एक तरफ जहां किसानों को बारिश का इंतेजार रहता है वहीं अधिक बारिश की वजह से इस साल किसान परेशान नजर आ रहे हैं. 

बुवाई की रफ्तार धीमी पड़ी

अगस्त 29 तक कुल 1,092.87 लाख हेक्टेयर (lh) क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल के 1,060.36 लाख हेक्टेयर के मुकाबले लगभग 3.1% अधिक है. हालांकि, अगस्त 1 तक यह बढ़ोतरी 5% थी, जो अब घटकर 3% पर आ गई है. बीते एक सप्ताह में केवल 19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ही बुवाई हो पाई, जबकि इससे पहले के हफ्ते में 34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी.

धान में अच्छी बढ़ोतरी

धान की फसल का रकबा इस बार 431.96 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 405.34 लाख हेक्टेयर से 6.6% अधिक है. यह खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल है और अच्छी बारिश से धान की बुवाई को फायदा हुआ है.

दालों की स्थिति- उरद बढ़ी, अरहर घटी

  • दालों की कुल बुवाई थोड़ी ही बढ़ी है - 114.46 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल 113.47 लाख हेक्टेयर थी (0.9% की वृद्धि).
  • उरद (काली दाल) की बुवाई 6.3% बढ़ी है और अब 22.35 लाख हेक्टेयर हो गई है.
  • मूंग (हरी दाल) में भी हल्की बढ़ोतरी (0.4%) दर्ज की गई है.
  • लेकिन अरहर (तुअर) की बुवाई घटकर 44.61 लाख हेक्टेयर रह गई है, जो पिछले साल 45.37 थी-यानी 1.7% की गिरावट.

मोटे अनाज और मक्का की स्थिति

  • मोटे अनाजों (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी) का क्षेत्रफल बढ़ा है- 189.67 लाख हेक्टेयर, जो पिछले साल 178.48 था (6.3% की बढ़ोतरी).
  • मक्का की बुवाई में 11.8% की जोरदार बढ़ोतरी हुई है- यह अब 94 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है.
  • ज्वार और बाजरा में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया, जबकि रागी की बुवाई में 10% बढ़ोतरी हुई है.

तिलहनों में गिरावट

  • तेल बीजों की बुवाई में इस बार कमी देखी गई है- यह 185.17 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले साल 190.27 था (2.7% की गिरावट).
  • सोयाबीन की बुवाई में 4.2% की गिरावट आई है.
  • मूंगफली का क्षेत्र भी थोड़ा घटा है.
  • सूरजमुखी की बुवाई में सबसे ज्यादा 8.6% की गिरावट हुई है.

कपास, गन्ना और जूट का आंकड़ा

  • कपास की बुवाई में 2.4% की कमी आई है- अब यह 108.77 लाख हेक्टेयर है.
  • गन्ना का क्षेत्र 2.9% बढ़ा है- 57.31 लाख हेक्टेयर हो गया है.
  • जूट की बुवाई में 3.3% की कमी आई है.

हालांकि खरीफ फसलों की कुल बुवाई सामान्य से बहुत करीब है और कुछ फसलों में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन अत्यधिक बारिश और बाढ़ की वजह से कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्थिति की समीक्षा की है और सरकार प्रभावित किसानों की मदद के लिए कदम उठा रही है.

MORE NEWS

Read more!