Kharif Crops Sowing: दलहन, त‍िलहन और धान की बुवाई में भारी इजाफा, मोटे अनाजों से मोहभंग 

Kharif Crops Sowing: दलहन, त‍िलहन और धान की बुवाई में भारी इजाफा, मोटे अनाजों से मोहभंग 

इंटरनेशनल ईयर ऑफ म‍िलेट खत्म होते ही मोटे अनाजों की खेती से क‍िसानों का मोहभंग होने लगा है. इस साल अब तक यानी 12 जुलाई तक 97.64 लाख हेक्टेयर एर‍िया में ही मोटे अनाज वाली फसलों की बुवाई हुई है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष इसी अवध‍ि तक 104.99 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. 

इस साल कैसी है खरीफ फसलों की बुवाई? इस साल कैसी है खरीफ फसलों की बुवाई?
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Jul 15, 2024,
  • Updated Jul 15, 2024, 11:27 PM IST

देश में खरीफ फसलों की बुवाई और रोपाई ने जोर पकड़ ल‍िया है. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार 12 जुलाई 2024 तक कुल खरीफ फसल क्षेत्र का 52.4 फीसदी एर‍िया कवर क‍िया जा चुका है. देश में कुल खरीफ फसलों का एर‍िया 1095.84 लाख हेक्टेयर है. ज‍िसमें से 575.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो गई है. जबक‍ि प‍िछले साल इसी अवध‍ि तक 521.25 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. यानी इस साल 53.88 लाख हेक्टेयर अध‍िक एर‍िया कवर हो चुका है. धान, दलहन, त‍िलहन, गन्ना और काटन की बुवाई में इजाफा हुआ है, जबक‍ि मोटे अनाजों के एर‍िया में काफी कमी दर्ज की गई है. 

धान के एर‍िया में प‍िछले साल के मुकाबले 19.86 लाख हेक्टेयर की वृद्ध‍ि हुई है. इस साल 12 जुलाई तक 115.64 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई और बुवाई हो चुकी है. जबक‍ि प‍िछले साल की इसी अवध‍ि तक 95.78 लाख हेक्टेयर में रोपाई हुई थी. हालांक‍ि देश में 2018-19 से 2022-23 तक देश में खरीफ सीजन के धान का कुल एर‍िया 401.55 लाख हेक्टेयर रहा है. 

इसे भी पढ़ें: आजादी के 75 साल बाद भी मंडियों की कमी से जूझ रहे क‍िसान, कैसे म‍िलेगा कृष‍ि उपज का अच्छा दाम? 

अरहर दाल की बंपर बुवाई 

दलहन फसलों का एर‍िया में प‍िछले साल के मुकाबले 12.82 लाख हेक्टेयर की वृद्ध‍ि देखने को म‍िली है. इस साल 12 जुलाई तक 62.32 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष इसी अवध‍ि तक स‍िर्फ 49.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर हुआ था. अरहर दाल के एर‍िया में सबसे ज्यादा 18.48 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, हालांक‍ि मूंग के एर‍िया में प‍िछले साल के मुकाबले 3.78 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. अन्य दालों के एर‍िया में भी लगभग 3 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. 

सोयाबीन के एर‍िया में उछाल 

त‍िलहन फसलों के एर‍िया में प‍िछले वर्ष के मुकाबले 25.35 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है. इस साल 140.43 लाख हेक्टेयर में त‍िलहन फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष यानी 12 जुलाई 2023 तक एर‍िया स‍िर्फ 115.08 लाख हेक्टेयर था. सोयाबीन के एर‍िया में सबसे ज्यादा 25.66 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है. इस साल 12 जुलाई तक 108.10 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष इस अवध‍ि तक 82.44 लाख हेक्टेयर एर‍िया ही कवर हुआ था. 

गन्ना और कॉटन की क‍ितनी बुवाई 

गन्ने की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार 12 जुलाई तक 57.68 लाख हेक्टेयर में गन्ना बोया जा चुका है, जबक‍ि प‍िछले साल इसी अवध‍ि तक 56.86 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी. कॉटन के एर‍िया में प‍िछले साल के मुकाबले 2.78 लाख हेक्टेयर का इजाफा हो चुका है. मंत्रालय के अनुसार 12 जुलाई 2024 तक 95.79 लाख हेक्टेयर में कॉटन बोया गया है, जबक‍ि प‍िछले साल की इसी अवध‍ि में 93.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर हुआ था.

मोटे अनाजों के एर‍िया में ग‍िरावट 

इंटरनेशनल ईयर ऑफ म‍िलेट खत्म होते ही मोटे अनाजों की खेती से क‍िसानों का मोहभंग होने लगा है. इस साल अब तक यानी 12 जुलाई तक 97.64 लाख हेक्टेयर एर‍िया में ही मोटे अनाज वाली फसलों की बुवाई हुई है, जबक‍ि प‍िछले वर्ष इसी अवध‍ि तक 104.99 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी. यानी 7.35 लाख हेक्टेयर की कमी आ गई है.  बाजरा की बुवाई में प‍िछले साल के मुकाबले र‍िकॉर्ड 21.76 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. हालांक‍ि, मक्के का एर‍िया 15.02 लाख हेक्टेयर बढ़ चुका है.  

इसे भी पढ़ें: भारत के गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट में भारी ग‍िरावट, 26 फीसदी कम हुई कमाई

MORE NEWS

Read more!