Kharif Crops Sowing: धान की खेती पर और 'मेहरबान' हुए क‍िसान, प‍िछले साल का टूट गया र‍िकॉर्ड

Kharif Crops Sowing: धान की खेती पर और 'मेहरबान' हुए क‍िसान, प‍िछले साल का टूट गया र‍िकॉर्ड

केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के मुताब‍िक धान के अलावा अरहर, मक्का और मूंगफली की खेती के रकबे में इस बार प‍िछले साल के मुकाबले अच्छा इजाफा देखने को म‍िल रहा है. यह देश के ल‍िए अच्छा संकेत है. हालांक‍ि कॉटन की खेती का रकबा घटने से च‍िंता बढ़ी है. जान‍िए क‍िस फसल की क‍ितने एर‍िया में हुई है बुवाई.  

भारत में सबसे अध‍िक एर‍िया में धान की खेती होती है. भारत में सबसे अध‍िक एर‍िया में धान की खेती होती है.
ओम प्रकाश
  • New Delhi ,
  • Aug 12, 2024,
  • Updated Aug 12, 2024, 10:19 PM IST

भारत में सबसे ज्यादा एर‍िया में धान की खेती होती है. रकबा के मामले में कोई भी फसल इसके आसपास नहीं ठहरती. क‍िसानों का इसकी खेती के प्रत‍ि लंबे समय से सबसे ज्यादा रुझान रहा है. इस साल इसकी खेती पर वो और मेहरबान हो गए हैं. केंद्रीय कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार अब तक देश का लगभग 83 फीसदी धान का एर‍िया कवर क‍िया जा चुका है. साल 2018-19 से 2022-23 तक देश में धान का एर‍िया 401.55 लाख हेक्टेयर रहा है. जबक‍ि इस साल 9 अगस्त तक 331.78 लाख हेक्टेयर में धान रोपा और बोया जा चुका है. इसी अवध‍ि में 2023 के दौरान स‍िर्फ 318.16 लाख हेक्टेयर में ही धान की बुवाई और रोपाई हो सकी थी. यानी प‍िछले वर्ष के मुकाबले इस साल 13.61 लाख हेक्टेयर अध‍िक एर‍िया कवर हो चुका है. कॉटन, अरंडी, त‍िल, रागी, बाजरा और उड़द को छोड़कर बाकी सभी खरीफ फसलों का एर‍िया प‍िछले साल के मुकाबले बढ़ा है. 

सभी खरीफ फसलों की बात करें तो अब तक 89.4 फीसदी एर‍िया में बुवाई हो चुकी है. देश में खरीफ फसलों का कुल एर‍िया 1095.84 लाख हेक्टेयर है. इसमें से 9 अगस्त तक 979.89 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष के मुकाबले 13.49 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. देश में 57.68 लाख हेक्टेयर में गन्ना बोया जा चुका है, जो 2018-19 से लेकर 2022-23 के औसत एर‍िया 51.15 लाख हेक्टेयर से अध‍िक है. हालांक‍ि कॉटन की बुवाई स‍िर्फ 110.49 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जो प‍िछले वर्ष से 10.74 लाख हेक्टेयर कम है. जूट की बुवाई 5.70 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो प‍िछले वर्ष से 0.59 लाख हेक्टेयर कम है. 

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दलहन फसलों की अच्छी बुवाई 

खरीफ सीजन वाली दलहन फसलों की बुवाई 9 अगस्त तक 117.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले साल की इसी अवध‍ि के मुकाबले 7.35 लाख हेक्टेयर कम है. प‍िछले साल अब तक 110.08 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई गई थीं. अरहर की बुवाई 44.57 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले साल के मुकाबले 6.08 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. उड़द की बुवाई 27.76 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले साल की इसी अवध‍ि के मुकाबले 1.07 लाख हेक्टेयर कम है. जबक‍ि मूंग की बुवाई 32.78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो प‍िछले वर्ष से 2.90 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. 

मूंगफली की बुवाई बढ़ी 

कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार खरीफ सीजन वाली त‍िलहन फसलों की बुवाई 183.69 लाख हेक्टेयर तक हो चुकी है, जो प‍िछले साल के मुकाबले 1.52 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. मूंगफली की बुवाई 45.42 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले वर्ष की इसी अवध‍ि के मुकाबले 3.51 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. सोयाबीन की बुवाई प‍िछले साल से 1.81 लाख हेक्टेयर ज्यादा हुई है. मंत्रालय के मुताब‍िक 7 अगस्त तक देश में 124.69 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है. त‍िल की बुवाई 10.14 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो प‍िछले वर्ष की इसी अवध‍ि से 1 लाख हेक्टेयर कम है. सूरजमुखी की बुवाई महज 0.69 लाख हेक्टेयर में हुई है. इसका अपने देश में 2018-19 से 2022-23 तक का सामान्य एर‍िया मात्र 1.40 लाख हेक्टेयर ही रहा है.  

मोटे अनाजों की क‍ितनी हुई बुवाई 

इस साल 9 अगस्त तक श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की बुवाई 173.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो प‍िछले वर्ष की इसी अवध‍ि के मुकाबले 1.77 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. मक्का की बुवाई अब तक 85.17 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो प‍िछले वर्ष की इसी अवध‍ि के मुकाबले 6 लाख हेक्टेयर अध‍िक है. प‍िछले वर्ष 9 अगस्त तक 79.17 लाख हेक्टेयर में मक्का बोया गया था. बाजरा की बुवाई अब तक 65.69 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले वर्ष से 3.12 लाख हेक्टेयर कम है, जबक‍ि रागी की बुवाई 3.61 लाख हेक्टेयर में हुई है जो प‍िछले साल के मुकाबले 2.30 लाख हेक्टेयर कम है.  

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