आंध्र प्रदेश में खरीफ फसलों का 5 फीसदी बढ़ा रकबा, 23 लाख हेक्टेयर से अधिक में हुई बुवाई

आंध्र प्रदेश में खरीफ फसलों का 5 फीसदी बढ़ा रकबा, 23 लाख हेक्टेयर से अधिक में हुई बुवाई

आंध्र प्रदेश में 1 जून से 11 सितंबर के बीच इस मॉनसून में 35 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई. अमरावती में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राज्य में इस अवधि के दौरान 418.3 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 565.8 मिमी वर्षा हुई.

खरीफ फसलों का बढ़ा रकबा. (सांकेतिक फोटो)खरीफ फसलों का बढ़ा रकबा. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 13, 2024,
  • Updated Sep 13, 2024, 11:27 AM IST

खरीफ फसलों की बुवाई का सीजन लगभग समाप्त होने वाला है. खास कर आंध्र प्रदेश में किसान दो हफ्ते के अंदर खरीफ फसलों की बुवाई बंद कर देंगे. हालांकि, 11 सितंबर तक आंध्र प्रदेश में 23.86 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की जा चुकी है, जो कि पिछले साल की  इसी अवधि की तुलना में 5.5 प्रतिशत अधिक है. यानी पिछले साल किसानों ने 11 सितंबर तक  22.65 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई की थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस साल खरीफ फसलों की बंपर पैदावार होगी.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में खरीफ फसलों का रकबा 32.5 लाख हेक्टेयर है. लेकिन 11 सितंबर तक खरीफ की 73 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है. हालांकि, जून की शुरुआत में हुई बारिश ने अच्छे खरीफ सीजन की उम्मीद जगाई थी, लेकिन अधिक बारिश के कारण जून के चौथे सप्ताह से खेती शुरू करना एक चुनौती बन गया. खास बात यह है कि बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते खरीफ फसलों को बहुत अधिक नुकसान भी पहुंचा है.

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किस जिले में हुई कितनी बुवाई

ऐसे राज्य में किसान धान, दालें, मूंगफली, कपास, तिलहन और बाजरा सहित कई फसलों की खेती करते हैं. खास बात यह है कि डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा जिला खरीफ फसलों की बुवाई में सबसे आगे है. कहा जा रहा है कि जिले के कुल अनुमानित क्षेत्रफल 68,416 हेक्टेयर है, जिसमें से 63,514 हेक्टेयर में 93 प्रतिशत बुवाई हो चुकी है. इसके बाद काकीनाडा और कुरनूल जिले में 91 प्रतिशत, श्रीकाकुलम में 88 प्रतिशत, पार्वतीपुरम मान्यम और पूर्वी गोदावरी जिले में 86-86 प्रतिशत, कृष्णा में 84 प्रतिशत, विजयनगरम, एएसआर, पश्चिम गोदावरी, एनटीआर और गुंटूर जिले में 82-82 प्रतिशत खरीफ फसलों की बुवाई हुई है. हालांकि, राज्य के अन्नामय्या और नेल्लोर जिलों में सबसे कम 38 प्रतिशत बुवाई दर्ज की गई है.

35 प्रतिशत से अधिक हुई बारिश

इस बीच, आंध्र प्रदेश में 1 जून से 11 सितंबर के बीच इस मॉनसून में 35 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई. अमरावती में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राज्य में इस अवधि के दौरान 418.3 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 565.8 मिमी वर्षा हुई. तटीय आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में 30 अगस्त से 8 सितंबर के बीच भारी बारिश हुई. टीओआई से बात करते हुए, जिला कृषि अधिकारी (श्रीकाकुलम), के श्रीधर ने कहा कि बारिश की गतिविधि में वृद्धि से खरीफ सीजन में विभिन्न फसलों की उपज में वृद्धि हो सकती है.

अधिक बारिश से उत्पादन हो सकता है प्रभावित

हालांकि, उन्होंने बताया कि अधिक बारिश से उत्पादन और उपज में कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि हमें इस खरीफ सीजन में श्रीकाकुलम क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर 5,000 किलोग्राम धान की उपज की उम्मीद है. कृष्णा, एनटीआर, गुंटूर और गोदावरी जिलों में हाल ही में हुई बारिश ने हजारों एकड़ में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया है. विजयनगरम जिले के एक किसान जी गणेश ने कहा कि अगर आने वाले महीनों में बारिश की गतिविधि सामान्य रहती है, तो इस साल उपज बढ़ सकती है.

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