Vegetable Varieties: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने सब्जियों की 28 उन्नत किस्मों को किया विकसित, जानें नाम

Vegetable Varieties: भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने सब्जियों की 28 उन्नत किस्मों को किया विकसित, जानें नाम

वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के द्वारा अब तक सब्जी की 100 से ज्यादा नई किस्मों को विकसित किया जा चुका है. वही हाल में हुई दिल्ली में बैठक के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की सब्जियों की 28 नई प्रजातियों को जारी कर दिया है.

धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow,
  • May 06, 2023,
  • Updated May 06, 2023, 2:37 PM IST

यूपी के वाराणसी में स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के द्वारा अभी तक सब्जियों की 100 से ज्यादा नई किस्मों को विकसित किया जा चुका है. वही हाल में हुई दिल्ली में बैठक के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित सब्जियों की 28 नई प्रजातियों (Vegetable new species) को जारी कर दिया है. सब्जियों की इन उन्नत प्रजातियों की अनुमति मिलने के बाद अब किसान  अपने खेतों में इनकी बुवाई कर सकते हैं. कृषि अनुसंधान परिषद बागवानी के उप महानिदेशक डॉ. ए.के सिंह की अगुवाई में नई दिल्ली में बैठक हुई जिसमें फसलों की प्रजातियों अधिसूचित करने की अनुमति दी गई. इसमें 19 उत्तर प्रदेश सरकार और 9 किस्मों को अखिल भारतीय सब्जी परियोजना ने रिलीज किया है.

विकसित हुईं सब्जियों की नई किस्में (Vegetable Varieties) 

वाराणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के द्वारा विकसित की गई लौकी की काशी शुभ्रा और अधिक तापमान में उगने वाले टमाटर की दो प्रजातियों जिसमें काशी तपस और काशी अद्भुत को भी रिलीज किया गया. इसके अलावा काशी चौलाई 1, कलमी साग में मनु, पंखीया सेम की किस्म काशी अन्नपूर्णा, मटर में काशी पूर्वी एवं तृतीय, भिंडी में काफी सहिष्णु पराक्रम और उत्कर्ष किस्म को जारी किया गया है. वहीं बैगन में काशी उत्सव, काशी मोदक और काफी उत्तम, मिर्च में काशी गरिमा, बाकला में काशी संपदा, तरबूज में काशी मोहिनी, पालक में काशी बारहमासी, परवल में काशी परवल 141, टिंडा में काशी हरी, तुरई में काशी नंदा, चिकनी तोरई में काशी वंदना, खीरा में काशी नूतन, सेम में काशी बौनी सेम 14 और 18, ककड़ी में काशी विधि, मूली में काशी ऋतुराज, करेला में काशी प्रतिष्ठा किस्म को जारी किया गया. किसानों के द्वारा सब्जी की इन किस्मों को अपने खेतों पर उगाया जा सकता है.

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भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कांति  बेहरा ने बताया किसानों के लिए अधिक तापमान को सहने वाली टमाटर की दो नई किस्म को भी विकसित किया गया है.

विकसित हुई तेज गर्मी में पैदा होने वाली टमाटर की दो नई किस्में 

सब्जी की किस्मों में अब तक टमाटर की ऐसी कोई किस्म नहीं थी जो अधिक तापमान को सह सके. वहीं भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डॉ नागेंद्र राय के द्वारा काशी तपस और काफी अद्भुत नाम से एक ऐसी किस्म को विकसित किया गया है जो तपती हुई गर्मी को भी सहन कर सकती है. टमाटर की यह किस्म की पैदावार भी काफी ज्यादा है. एक पौधे में 40 से 50 टमाटर पैदा होते हैं. वही वही टमाटर की इस किस्म की पैदावार 1 हेक्टेयर में 40 से 50 टन है जबकि अन्य मौजूद प्रजाति के टमाटर की पैदावार 25 टन तक ही हो पाती है. इस टमाटर की किस्म की रोपाई फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में करनी होगी और इसकी तोड़ाई अप्रैल के अंतिम सप्ताह से हो सकेगी.

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