Agri Work: नवंबर के पहले हफ्ते में करें ये काम, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

Agri Work: नवंबर के पहले हफ्ते में करें ये काम, वरना उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

नवंबर का महीना सरसों की बुवाई के लिए सबसे बेहतर समय है. समय पर बुवाई, सही उर्वरक और रोग नियंत्रण से किसान सरसों की फसल में तेल और प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकते हैं. जानिए विशेषज्ञों से सरसों की खेती के महत्वपूर्ण सुझाव और रिकॉर्ड उत्पादन के उपाय.

नवंबर के पहले सप्ताह में कर लें ये कामनवंबर के पहले सप्ताह में कर लें ये काम
क‍िसान तक
  • Noida ,
  • Nov 03, 2025,
  • Updated Nov 03, 2025, 4:52 PM IST

सर्दी का मौसम दस्तक दे चुका है और अब किसानों के लिए रबी फसलों की तैयारी का समय आ गया है. इस मौसम में सरसों की खेती सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जो किसान नवंबर के पहले सप्ताह तक सरसों की बुवाई करते हैं, उन्हें बेहतर उत्पादन के साथ-साथ रोगों और कीटों से कम नुकसान देखने को मिलता है.

समय पर बुवाई क्यों है जरूरी

कृषि विभाग के सहायक संचालक राम सिंह बागरी के अनुसार, किसानों को नवंबर के पहले सप्ताह तक सरसों की बुवाई पूरी कर लेनी चाहिए. अगर बुवाई में देरी होती है तो माहो कीट (Aphid) का प्रकोप बढ़ने लगता है. यह कीट सरसों के पौधों की पत्तियों और फूलों का रस चूस लेता है, जिससे पौधों की बढ़वार रुक जाती है और उत्पादन घट जाता है. समय पर बुवाई करने से पौधे मजबूत बनते हैं और कीटों से प्राकृतिक रूप से बचाव मिलता है.

तेल बढ़ाने के लिए उर्वरक का सही चयन

विशेषज्ञों के अनुसार, सरसों की फसल में सल्फर का उपयोग बहुत जरूरी है क्योंकि यह फसल में तेल की मात्रा और प्रोटीन स्तर बढ़ाने में मदद करता है. किसानों को बुवाई के समय एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) या 20:20:0:13 जैसे सल्फर युक्त उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.
इसके अलावा, सल्फर 90% WDG, थायोयूरिया और थायोग्लाइकोलिक एसिड का प्रयोग फसल में प्रोटीन सिंथेसिस को बढ़ावा देता है. ये तत्व पौधों के एंजाइम को सक्रिय करते हैं और रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं.

नमी और रोग नियंत्रण पर ध्यान दें

  • सरसों की फसल में अगर अत्यधिक नमी बनी रहती है तो फंगल रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए किसानों को बीज उपचार पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
  • बीज बोने से पहले कार्बेन्डाजिम जैसे सर्वांगीण कवकनाशी से उपचार करना चाहिए. यह दवा पौधों के अंदर जाकर फफूंद से सुरक्षा देती है.
  • इसके अलावा, बुवाई के लगभग एक महीने बाद सिंचाई और यूरिया का छिड़काव करना जरूरी है ताकि फसल को पर्याप्त पोषक तत्व मिल सकें. फसल का नियमित निरीक्षण करते रहें ताकि किसी भी रोग या कीट का समय रहते नियंत्रण किया जा सके.

फासला रखें और धूप-पानी का ध्यान दें

कृषि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सरसों की बुवाई करते समय पौधों के बीच 45 सेंटीमीटर का फासला रखें. इससे पौधों को पर्याप्त धूप और हवा मिलती है, जड़ें मजबूत बनती हैं और फसल स्वस्थ रहती है. उचित दूरी से पौधों में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है और उत्पादन भी बेहतर होता है.

अच्छी देखभाल से मिलेगा रिकॉर्ड उत्पादन

अगर किसान समय पर बुवाई करें, उचित उर्वरक डालें, नमी और रोग नियंत्रण पर ध्यान दें तो इस बार की सरसों की फसल से रिकॉर्ड उत्पादन मिल सकता है. सर्दी के इस मौसम में थोड़ी-सी सावधानी और नियमित देखभाल किसानों के लिए लाभदायक सीजन साबित हो सकती है.

सरसों की खेती तभी सफल होती है जब किसान सही समय पर बुवाई, संतुलित उर्वरक का प्रयोग और रोग नियंत्रण पर ध्यान दें. नवंबर का महीना सरसों की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है- इसलिए अब देर न करें और समय पर बुवाई करके अपनी पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ाएं.

ये भी पढ़ें: 

आम के पेड़ ने फल देना बंद कर दिया है? अपनाएं यह तकनीक तो बूढ़े पेड़ में भी लौट आएगी जान
PMFBY: 1, 3, 5 रुपये का क्लेम मिलना किसानों के साथ मजाक, सरकार करेगी पूरी पड़ताल

MORE NEWS

Read more!