क‍िसानों की आय पर कैसे बुरा असर डाल रहा है बढ़ता तापमान, पूसा के वैज्ञान‍िक ने बताया गण‍ित

क‍िसानों की आय पर कैसे बुरा असर डाल रहा है बढ़ता तापमान, पूसा के वैज्ञान‍िक ने बताया गण‍ित

भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के प्र‍िंस‍िपल साइंट‍िस्ट डॉ. जेपीएस डबास ने कहा क‍ि ज‍िस फूलगोभी को 15 मार्च तक न‍िकलना था वो फरवरी में ही तैयार हो गई. इससे बाजार में अचानक आवक बढ़ी और दाम घट गया. गाजर, मटर, आलू और फूलों की फसल पर भी दुष्प्रभाव. 

फूलगोभी की खेती (Photo-Indo-Israeli Agriculture Project). फूलगोभी की खेती (Photo-Indo-Israeli Agriculture Project).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Feb 25, 2023,
  • Updated Feb 25, 2023, 10:18 AM IST

जलवायु पर‍िवर्तन की वजह से बढ़ता तापमान (Temperature) स‍िर्फ गेहूं की फसल पर बुरा असर नहीं डाल रहा है बल्क‍ि इससे दूसरी फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. ज‍िसका सीधा असर क‍िसानों की आय (Farmers Income) पर पड़ रहा है. जो फसलें फ्रेस ब‍िकती हैं खासतौर पर सब्ज‍ियां, उनमें बढ़ते तापमान का असर क‍िसानों तक बहुत जल्दी पहुंच रहा है. आलू, गोभी, टमाटर और मटर जैसी फसलें भी इसकी चपेट में हैं. भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के प्र‍िंस‍िपल साइंट‍िस्ट डॉ. जेपीएस डबास ने इसका पूरा गण‍ित समझाया. उन्होंने कहा क‍ि ज्यादा तापमान की वजह से सब्जियां जल्दी तैयार हो जाती हैं, ज‍िससे बाजार अचानक आवक बढ़ रही है. इससे दाम बहुत घट जा रहा है और इसका सीधा असर क‍िसानों की आय पर पड़ रहा है.

ज‍िस फूलगोभी की बुवाई अक्टूबर में की गई थी और नवंबर में ट्रांसप्लांट‍िंग हुई अगर सामान्य तापमान रहता है तो यह गोभी 15 मार्च तक न‍िकलती, लेक‍िन ज्यादा तापमान की वजह से यह फरवरी में ही तैयार होकर खत्म हो गई. इससे बाजार में गोभी ही गोभी पट गई इस वजह से क‍िसानों को दाम नहीं म‍िला. ज्यादा तापमान में मटर भी जल्दी तैयार हो जाती है. अचानक उसकी भी आवक बढ़ती है और दाम गिर जाता है. प‍िछले साल तापमान में असामान्य वृद्ध‍ि की वजह से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ ही था.

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आलू और फूलों पर असर

डॉ. डबास ने बताया क‍ि तापमान ज्यादा होने की वजह से लाल और काली गाजर भी खराब हो रही है. हालांक‍ि, पीले गाजर में इसका कोई असर नहीं द‍िखेगा. आलू की फसल पर बढ़ा हुआ तापमान बहुत बुरा असर डाल रहा है. इसके साथ भी जल्दी तैयार होने वाली द‍िक्कत है, ज‍िससे मार्केट पर प्रेशर बनता है और क‍िसानों को इस वक्त दो-चार रुपये क‍िलो का दाम म‍िल रहा है. यही हाल फूलों का भी है. इससे फूल जल्दी तैयार हो जाते हैं. एक साथ ज्यादा आवक होने से द‍िक्कत होती है और बाद में फूलों की कमी होने लगती है. 

सब्ज‍ियों की फसल के ल‍िए सलाह 

भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञान‍िकों ने कहा है क‍ि इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए किसान खड़ी फसलों तथा सब्जियों में आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई करें. सिंचाई ऐसे समय पर करें जब हवा शांत हो अन्यथा पौधे गिरने की संभावना रहती है. इस मौसम में गेंदे में पुष्प सड़न रोग के आक्रमण की संभावना बढ़ जाती है, इसल‍िए किसान फसल की निगरानी करते रहें. यदि लक्षण दिखाई दें तो बाविस्टिन एक ग्राम प्रत‍ि लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. 

इन फसलों की बुवाई के ल‍िए अनुकूल है मौसम 

फ्रेंच बीन, गर्मी के मौसम वाली मूली इत्यादि की सीधी बुवाई के ल‍िए वर्तमान तापमान अनुकूल है, क्योंकि इसमें बीजों का अंकुरण अच्छा होगा. किसान उन्नत बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से ही प्राप्त करें. मौसम को ध्यान में रखते हुए किसान टमाटर, मिऔर कद्दूवर्गीय सब्जियों के तैयार पौधों की रोपाई इस सप्ताह कर सकते हैं. इस मौसम में प्याज की समय से बोई गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण की निरंतर निगरानी करते रहें. 

चेपा न‍ियंत्रण के ल‍िए क्या करें क‍िसान 

मौसम को ध्यान में रखते हुए टमाटर के फलों को फली छेदक कीट से बचाव के ल‍िए किसान खेत में पक्षी बसेरा लगाएं. वे कीट से नष्ट फलों को इकट्ठा कर जमीन में दबा दें. साथ ही फल छेदक कीट की निगरानी के ल‍िए प्रत‍ि एकड़ 2-3 फिरोमोन ट्रैप लगाएं. वर्तमान शुष्क तथा बढ़ते तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान सभी सब्जियों और सरसों की फसल में चेपा के आक्रमण की निगरानी करें. इस कीट के नियंत्रण के लिए वे सब्जियों में इमिडाक्लोप्रिड@ 0.25-0.5 मिली प्रत‍ि लीटर पानी की दर से सब्जियों की तुड़ाई के बाद छ‍िड़काव करें. 

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