बीड में भारी बारिश से डूबी लाखों हेक्टेयर फसल, सरकार से मुआवजे की मांग हुई तेज

बीड में भारी बारिश से डूबी लाखों हेक्टेयर फसल, सरकार से मुआवजे की मांग हुई तेज

महाराष्ट्र में मराठवाड़ा रीजन के तीन जिले में भारी बारिश से साढ़े चार लाख हेक्टेयर से अधिक फसल नष्ट हो गई है. किसान अपने इस नुकसान से खासा तकलीफ में हैं. इस खबर में जान लेते हैं कि उनकी मांगें क्या हैं?

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रोहिदास हातागले
  • Beed,
  • Sep 19, 2025,
  • Updated Sep 19, 2025, 11:38 AM IST

इस साल देश के कई राज्यों में बाढ़ ने किसानों की सारी उम्मीदें खत्म कर उन्हें तोड़ कर रख दिया. अब खबर महाराष्ट्र के बीड से आई है जहां किसानों के हालात बिगड़ गए हैं.  जिले के 15 मंडलों में भारी बारिश दर्ज की गई है और लाखों हेक्टेयर फसलें जलमग्न हो गई हैं. फसल डूबने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. बारिश ने उनके पेट भरने की आस भी छीन ली है. अब किसान की ओर से सरकार से तुरंत मुआवजे की मांग जोर पकड़ रही है. 

4 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल बर्बाद

जब किसान खेती करता है तो एक दाने से सैकड़ों दाने पैदा करने की चाहत रखता है, और होती भी उसी तरह है. लेकिन कई बार प्रकृति का कहर ऐसा टूटता है कि दाने-दाने को तरसा देता है. मराठवाड़ा के तीन जिलों छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड में शुरुआती नुकसान लगभग 4 लाख 58 हज़ार 511 हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो बीड में स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.

सोयाबीन, कपास, अरहर, मक्का और बाजरा जैसी प्रमुख खरीफ फसलों को भारी बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कटी हुई फसलें पानी में डूब गई हैं जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. कई जगहों पर खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ने लगी हैं, जबकि कुछ जगहों पर जमीन का कटाव हो गया है.

इन इलाकों में सबसे अधिक नुकसान

बीड जिले के कई तहसीलें (तालुका) इस बारिश से प्रभावित हुए हैं. बीड, गेवराई, शिरूर कासर, आष्टी, पाटोदा और माजलगांव तहसीलों में अधिक नुकसान देखा गया है. जिले के कई राजस्व हलकों में भारी बारिश दर्ज की गई है. शिरूर तहसील में बारिश का सबसे ज्यादा असर हुआ, जहां शिरूर मंडल में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके बाद बीड तहसील के येलम्ब में 99 मिमी, जबकि नेकनूर और नलवंडी मंडलों में क्रमशः 70 मिमी और 67 मिमी बारिश दर्ज की गई. इन आंकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बारिश कितनी तेज हुई है.
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सरकार से तुरंत मुआवजे की मांग

मंत्री पंकजा मुंडे और विधायक धनंजय मुंडे के चुनाव क्षेत्र परली तालुका के वानटाकाली के किसान शालिकराम धोंडीराम काकड़े भी इस भारी बारिश की मार झेल रहे हैं. उन्होंने अपनी ढाई एकड़ जमीन में से दो एकड़ जमीन पर बड़ी उम्मीदों से गोभी और बैंगन की फसल उगाई थी.

इस पर उन्होंने लगभग 60 से 70 हजार रुपये खर्च किए थे और इससे उन्हें ढाई लाख रुपये तक की आमदनी की उम्मीद थी, लेकिन बाढ़ के पानी में उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई जिससे उनके सपने चकनाचूर हो गए. जिले के हजारों किसान शालिकराम काकड़े जैसी ही स्थिति में हैं. इसलिए अब किसानों की पुरजोर मांग है, कि सरकार तुरंत सर्वे करवाकर नुकसान का तुरंत मुआवजा दे.

सीएम-डिप्टी सीएम आकर देखें

परली तहसील के वानटाकली गांव के किसान ने कहा कि दो एकड़ में गोभी और बैंगन लगाया था. वाननदी के बाढ़ का पानी सीधा मेरे खेत में आया और मेरा दो ढाई लाख का नुकसान हुआ हैं. मेरे खेत की मिट्टी भी बह गई हैं. हमारे मंत्री साहब धनंजय मुंडे साहब ने भी आकर देखा है. मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार हमारे यहां आकर खेती का जो हाल हैं वो देखें. 

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