महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में लगातार बारिश से हालात खराब होते जा रहे हौं. शनिवार को लगातार हुई बारिश ने कई हिस्सों को प्रभावित किया. कई गांवों का संपर्क कट गया और निचले इलाकों की सड़कें और पुल पानी में डूब गए. मराठवाड़ा जो परंपरागत तौर पर एक सूखाग्रस्त क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है, वहां अब अति बारिश से स्थिति बिगाड़ दी है. यहां के बीड, लातूर, धाराशिव, नांदेड़, परभनी और हिंगोली जिलों के कई हिस्सों में 24 घंटे में 65 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई. शनिवार को बारिश सुबह 8 बजे तक खत्म हुई.
एक अधिकारी की तरफ से बताया गया कि परभणी जिले के गंगाखेड में एक ही दिन में सबसे ज्यादा 143 मिमी बारिश हुई. अधिकारियों के अनुसार, हिंगोली जिले के कलमनूरी और वसमत तालुकाओं में भारी बारिश ने तीन गांवों का संपर्क कट गया. वसमत तालुका का चौंधी बहिरोबा और कलमनूरी का बिबथर व कोंधूर दिग्रास गांव भारी बारिश के कारण बाकी हिस्सों से कट गया है. लातूर की कलेक्टर वर्षा ठाकुर घुगे ने बताया कि रातभर हुई बारिश ने जिले के नीची बस्तियों, सड़कों और पुलों को जलमग्न कर दिया.
उन्होंने बताया, 'सावधानी के तौर पर, हमने जलमग्न पुल और सड़कें बंद कर दी हैं. मंजरा नदी अपनी क्षमता से अधिक बह रही है. इसलिए यदि बारिश जारी रहती है, तो नदी के किनारे स्थित कुछ खेतों में पानी प्रवेश कर सकता है.' उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीमें पूरी तरह से मुस्तैद हैं और फंसे हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर रही हैं. धाराशिव में भी प्रशासन ने भारी बारिश के चलते सड़कें बंद कर दी हैं. साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भुम और परंडा तालुकाओं में बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात हैं.
मौसम विभाग ने नांदेड़, लातूर, बीड़, हिंगोली, परभनी और धरणशिव जिलों के लिए शनिवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 20 सितंबर से मराठवाड़ा में भारी बारिश और बढ़ती नदियों के कारण व्यापक नुकसान हुआ है, जिसमें कम से कम नौ लोगों की जान गई और लाखों एकड़ फसलें बाढ़ में नष्ट हो गई हैं. मराठवाड़ा क्षेत्र, जो राज्य के मध्य हिस्से में स्थित है, में छत्रपति संभाजीनगर, जलना, लातूर, परभनी, नांदेड़, हिंगोली, बीड और धाराशिव जिले शामिल हैं.
इसी तरह से सातारा जिले का म्हसवड इलाकाजिसे अब तक सूखा प्रभावित और पानी की कमी से जूझते क्षेत्र के तौर पर जाना जाता था, वहां पिछले 24 घंटों में मूसलधार बारिश ने सभी को परेशान कर दिया है. जहां कभी बूंद-बूंद पानी को लोग तरसते थे, वहीं अब पानी की तेज धाराओं ने सड़कों और दुकानों को घेर लिया है. बारिश के इस बदले हुए मिजाज से पूरे क्षेत्र में दहशत और आश्चर्य का माहौल है. म्हसवड और आसपास के मान परिसर में शुक्रवार देर रात से लगातार बारिश हो रही है. शिंगणापुर रोड पर पानी का इतना जोरदार बहाव देखने को मिला कि पूरा मार्ग तालाब में तब्दील हो गया. सड़कों पर पानी भर जाने से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कई जगहों पर दुकानें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं.
बारिश से प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. स्थानीय ग्राम पंचायत और नगर प्रशासन की टीमें लगातार हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। नीरा नदी और आसपास के नालों में पानी का बहाव बढ़ गया है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें और नदी-नालों के किनारे न जाएं. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करें. म्हसवड, जो अब तक सूखे की मार झेलता था, वहां की यह बरसात एक तरह से चमत्कार जैसी मानी जा रही है. लेकिन यह चमत्कार फिलहाल आफत में बदल चुका है. जहां खेतों को पानी की सौगात मिल रही है. वहीं घरों और दुकानों में घुसे पानी ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। आने वाले घंटों में मौसम का रुख कैसा रहेगा, इस पर सभी की नजरर टिकी हुई है.
यह भी पढ़ें-