लखनऊ के विश्व प्रसिद्ध महिलाबाद दशहरी आम की पूरे देश में अलग पहचान है. पिछले 40 साल से दशहरी आम की खेती कर रहे प्रगतिशील किसान और अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव उपेंद्र सिंह ने किसानों से बड़ी अपील की है. सिंह ने बताया कि दशहरी आम के लिए अब बैगिंग का समय खत्म हो रहा है. हमारी प्रदेश के सभी किसानों से अपील हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा बैग करें, जिससे पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष क्वॉलटी और उत्पादन अच्छा हो. उन्होंने बताया कि दहशरी के लिए कुछ एक 7 दिनों का वक्त और बचा हुआ है. क्योंकि 5 जून से दहशरी आम की हार्वेस्टिंग शुरू हो जाएगी.
उपेंद्र सिंह बताते हैं कि चौसा, लंगड़ा, सफेदा, मल्लिका और आम्रपाली किस्म के आम के लिए अभी दो हफ्ते का टाइम बचा हुआ है. ऐसे में किसान अपने बागों में बैगिंग तकनीक का इस्तेमाल करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के द्वारा किसानों को आम की बैगिंग के लिए dbt.horticulture.in पर ऑनलाइन आवेदन शुरू किया है. वहीं पंजीकरण के बाद किसानों को फ्रूट कवर बैग उपल्बध कराया जा रहा है.
सिंह ने बताया कि इस वर्ष से बागवानी विभाग की ओर से किसानों को बैगिंग तकनीक अपनाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. एक किसान को प्रति एक हेक्टेयर 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा. जिससे किसानों को काफी राहत मिलेगी. आम की फसल के लिहाज से मौसम सामान्य रहा. अब आम पकने करीब पहुंच रहा है, तब तापमान अधिक चाहिए. इस तरह मौसम ने खूब साथ दिया है, इससे ज्यादा रोग नहीं लगा. लखनऊ के काकोरी के अलावा चिनहट, माल और मलिहाबाद में किसान दहशरी आम की बागवानी करते है.
अवध आम उत्पादक बागवानी समिति मलिहाबाद के महासचिव उपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार 45-50 फीसदी आम पेड़ों पर टिका है. पिछले साल 35 फीसदी के मुकाबले काफी बेहतर है. वहीं पिछले साल के मुकाबले फसल काफी अच्छी है. सिंह कहते हैं कि कि पाल वाला आम मई अंत तक बाजार में आने लगेगा. वहीं पाल वाला आम जून दूसरे सप्ताह में ही आएगा. उन्होंने बताया कि बैगिंग वाले आम के दाम किसानों को 80 रुपये प्रति किलो तक मिलने की उम्मीद है. बाजार में यह 150 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है.
जबकि बिना बैगिंग वाला आम फुटकर बाजार में 50-60 रुपये प्रति किलो तक लोगों को मिल जाएगा. सीजन पर मंडी में 25 से 30 रुपये प्रति किलो और फुटकर मार्केट में 50-60 रुपये प्रति किलो तक दाम रहने का अनुमान है. वहीं बागों में हर किस्म के आम इस बार तैयार हो रहे हैं. दरअसल, बाजार में जब भी वो आम खरीदने जाते हैं तो उनकी पहली पसंद दशहरी ही होता है. हालांकि अब नई वैरायटी के आम एक-एक करके दशहरी को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. लेकिन दशहरी का अपना स्वाद आज भी बरकरार है.
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