उत्तर प्रदेश में किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए मूंगफली की खेती (Groundnut Cultivation) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस क्रम में योगी सरकार मूंगफली की खेती को लगातार प्रोत्साहन दे रही है. सरकार के प्रयासों के ही चलते से उत्तर प्रदेश में मूंगफली की खेती का रकबा पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है. डायरेक्टर्स ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिक्स मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फॉर्मर्स वेलफेयर के अनुसार 2013-2016 के दौरान यूपी का मूंगफली के कुल रकबे में योगदान केवल 2 फीसद था, उस समय देश में मूंगफली का उत्पादन करीब 7.9 मिलियन टन था. इसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का कुल उत्पादन 1 मिलियन टन था.
अब यूपी में मूंगफली का उत्पादन करीब ढाई गुना बढ़कर 4.7 फीसद तक पहुंच गया है. अधिकांश वृद्धि बुंदेलखंड और इससे सटे इलाकों में हुई है. योगी सरकार का फोकस भी बुंदेलखंड पर ही है. विश्व बैंक की मदद से शुरू यूपी एग्रीज (उत्तर प्रदेश कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण) परियोजना में बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी सात जिले (झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) शामिल हैं. इसके तहत सरकार झांसी को मूंगफली के क्लस्टर के रूप में विकसित कर रही है. इससे इसके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. वहीं निर्यात के दाम अच्छे मिलने से उत्पादक किसानों को भी लाभ होगा.
बता दें कि भारत में मूंगफली उत्पादन में गुजरात पहले स्थान पर है. देश के उत्पादन में अकेले गुजरात की हिस्सेदारी करीब 47% है. इसके बाद राजस्थान (16%) और तमिलनाडु (10%) का नाम आता है.
उत्तर प्रदेश में मूंगफली का उत्पादन प्रमुख रूप से बुंदेलखंड और इसके आसपास के जिलों में होता है. झांसी इसमें अग्रणी है. इसके अलावा बांदा, हमीरपुर, महोबा, ललितपुर, मैनपुरी, हरदोई, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, अलीगढ़, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, बदायूं, एटा, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर और श्रावस्ती आदि हैं.
हालंकि करीब एक दशक से उत्तर प्रदेश में मूंगफली का रकबा और प्रति हेक्टेयर उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है. पर, डायरेक्टर्स ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिक्स मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फॉर्मर्स वेलफेयर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2013-2016 में देश में मूंगफली का कुल उत्पादन 7.67 मिलियन टन था. तब देश में प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 1542 किलोग्राम था. इसकी तुलना में उत्तर प्रदेश का उत्पादन मात्र 809 किलोग्राम था. यह देश के औसत उत्पादन से 733 किलोग्राम कम था. उस समय प्रति हेक्टेयर 2679 किलोग्राम उत्पादन के लिहाज से तमिलनाडु देश में नंबर एक था.
देश और तमिलनाडु के औसत उत्पादन का यह गैप ही उत्तर प्रदेश के लिए संभावना है. बेहतर तकनीक, उन्नत प्रजातियों का चयन और फसल संरक्षा के सामयिक उपायों के जरिये यूपी में मूंगफली की उपज बढ़ाने की भरपूर संभावना है. किसानों के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली योगी सरकार ऐसा कर भी रही है. उसके नतीजे भी दिख रहे हैं. अब उत्तर प्रदेश की उपज देश के उस समय के राष्ट्रीय औसत से ऊपर (1688 किग्रा/हेक्टेयर) पहुंच चुकी है. वर्तमान में उत्पादन का यही राष्ट्रीय औसत भी है.
किसानों को उत्पाद का उचित दाम मिले. वह उत्पादन के लिए प्रोत्साहित हों, उसके लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंगफली की खरीद भी कर रही है. सरकार द्वारा घोषित एमएसपी 6,783 रुपये प्रति क्विंटल है. एमएसपी पर नैफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ) मैनपुरी, हरदोई, इटावा में और एनसीसीएफ (भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड) फर्रुखाबाद, कन्नौज, अलीगढ़, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, बदायूं, एटा, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर और श्रावस्ती में किसानों से सीधे मूंगफली खरीदने की जिम्मेदारी है.
मूंगफली पोषक तत्वों से भरपूर होती है. प्रति 100 ग्राम मूंगफली (कच्ची/भुनी,) में लगभग 567 कैलोरी ऊर्जा, 25-26 ग्राम (उच्च गुणवत्ता वाला, मांसपेशियों और ऊतकों के लिए लाभकारी) प्रोटीन, 49-50 ग्राम असंतृप्त वसा,7-8 ग्राम संतृप्त वसा के अलावा कार्बोहाइड्रेट 16-18 ग्राम, फाइबर 8-9 ग्राम मिलता है। मूंगफली में विटामिन ई, नियासिन (विटामिन बी3),फोलेट (विटामिन बी9 के साथ मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और जिंक आदि खनिज भी मिलते हैं. पौष्टिक होने के साथ मूंगफली बहुउपयोगी भी है.
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के मुताबिक, जून और जुलाई की शुरुआत का महीना मूंगफली की खेती के लिए काफी महत्वपूर्ण और लाभदायक साबित होता है. इस फसल की अच्छी पैदावार के लिए तापमान कम से कम 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. खरीफ सीजन के दूसरे पखवाड़े में बुवाई की जाए तो बेहतर और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं.
ये भी पढे़ं-
यूपी में वज्रपात, तूफान और सर्पदंश की घटनाएं भी आपदा सूची में होंगी शामिल, जानें योगी सरकार का प्लान
PM Kisan Yojana: एमपी के किसानों को मिलेगा दोहरा लाभ, हर तीन महीने में मिलेंगे 4,000 रुपये