अगले साल अनाज की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान, लेक‍िन चावल का दाम बढ़ेगा 

अगले साल अनाज की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान, लेक‍िन चावल का दाम बढ़ेगा 

अनुमान लगाया गया है क‍ि रूस का गेहूं उत्पादन बढ़ेगा. जबक‍ि ब्राजील विश्व बाजारों में अधिक मात्रा में मक्का और सोयाबीन की आपूर्ति करेगा. इससे मक्का और गेहूं की कीमतें घट सकती हैं. लेक‍िन अल नीनो के खतरे की वजह से चावल की कीमत 2024 में 6 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है. 

The price of rice will increase next yearThe price of rice will increase next year
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 09, 2023,
  • Updated Dec 09, 2023, 1:03 PM IST

विश्व बैंक और फिच सॉल्यूशंस की एजेंसी बीएमआई ने अनाजों को लेकर एक राहत भरा अनुमान लगाया है. उसने कहा है कि 2024 में वैश्विक बाजार में अनाज की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है. हालांकि भारत के निर्यात प्रतिबंधों और अलनीनो के प्रभाव पर चिंताओं के मद्देनजर चावल एक अपवाद होगा. विश्व बैंक कमोडिटी आउटलुक ने कहा कि आपूर्ति में सुधार के कारण मक्का और गेहूं की कीमतों में लगातार गिरावट से 2024 में चावल की ऊंची कीमतों की भरपाई होने का अनुमान है. बीएमआई ने 2024 के लिए अपने प्रमुख कृषि-व्यवसाय विषयों में कहा कि बाजार तुलनात्मक रूप से तंग रहेंगे, जिससे प्रतिकूल विकास के कारण कीमतें ऊपर की ओर बढ़ने के प्रति संवेदनशील होंगी.  

एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि मक्का, सोयाबीन और गेहूं के वायदा की औसत वार्षिक कीमत में 9.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी. जिस गति से अनाज बाजारों ने 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ शुरू हुए कीमतों के चढ़ाव को कम किया है, उसी गति से इन तीन फसलों की औसत कीमत में 2023 में अनुमानित 17.4 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल 2023-24 सीज़न के दौरान कई प्रमुख उत्पादकों में बंपर पैदावार से बाजार में मंदी आ जाएगी. रूस का गेहूं उत्पादन एक ओर विशाल होने वाला है और ब्राजील विश्व बाजारों में अधिक मात्रा में मक्का और सोयाबीन की आपूर्ति करने का अनुमान लगा रहा है. 

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बढ़ सकता है सोयाबीन का उत्पादन 

विश्व बैंक ने अपने कमोडिटी आउटलुक में यह कहा है क‍ि खाद्य तेलों की आपूर्ति में वृद्धि जारी है, विशेषकर सोयाबीन तेल की, क्योंकि इस फसल वर्ष में सोयाबीन का उत्पादन 9 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है. हालांक‍ि, इस वर्ष 22 प्रतिशत की गिरावट के अलावा, 2024 में मक्के की कीमतों में 8 प्रतिशत की और गिरावट आने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है क‍ि 2024 में गेहूं की कीमतों में लगभग 3 प्रतिशत की कमी आनी चाहिए. 

चावल का दाम 6 फीसदी बढ़ेगा 

बीएमआई ने कहा कि अनाज की कीमतें, हालांकि, कोविड से पहले की औसत स्तर से अधिक बनी रहेंगी. इसमें कहा गया है, 2024 में मक्का, सोयाबीन और गेहूं की औसत कीमतों के लिए हमारा पूर्वानुमान अभी भी 2015 और 2019 के बीच उनकी औसत कीमतों से 30-40 प्रतिशत अधिक है. उधर, विश्व बैंक ने कहा कि इसके विपरीत, चावल की कीमत 2024 में 6 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो आंशिक रूप से अल नीनो के खतरे, महत्वपूर्ण निर्यातकों और आयातकों की नीतिगत प्रतिक्रियाओं के कारण होगा. 

अलनीनो का पड़ेगा प्रभाव 

विश्व बैंक ने कहा कि फल, मांस, मुर्गी पालन और चीनी सहित कुछ चीजें 2024 में स्थिर रहने और 2025 में थोड़ा गिरने की उम्मीद है. अल नीनो पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बीएमआई ने कहा: "2023 में कृषि सॉफ्ट कमोडिटी की कीमतों पर इसके संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, हम भविष्यवाणी करते हैं कि अल नीनो मौसम का पैटर्न 2024 में वैश्विक सॉफ्ट कमोडिटी बाजार पर काफी प्रभाव बनाए रखेगा. एक अन्य कारक जो खाद्यान्न की कीमतों को प्रभावित कर सकता है, वह है जैव ईंधन की खपत का वैश्विक परिदृश्य. बीएमआई ने कहा कि कम औसत कृषि कीमतों और वास्तविक आर्थिक विकास के कारण अगले बारह महीनों में खाद्य सुरक्षा में सुधार होने की संभावना है.

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