केंद्र सरकार ने मसूर दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी रेट रबी सीजन के लिए बढ़ा दिया है. जबकि, इस बार रबी फसलों की सरकारी खरीद समय से पहले करने की भी तैयारी कई राज्यों ने पूरी कर ली है. ऐसे में मसूर की सरकारी खरीद 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार रबी सीजन 2023-24 में मसूर का बुवाई रकबा बीते साल की तुलना में करीब 1 लाख हेक्टेयर बढ़ा है. ऐसे में इस बार उत्पादन 20 लाख टन का आंकड़ा छू सकता है. बता दें कि रबी सीजन 2014-15 में मसूर का एमएसपी रेट 2,950 रुपये था. तब से अब मसूर के एमएसपी रेट में 3,475 रुपये की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है.
मसूर दाल की बुवाई रबी सीजन में अक्टूबर से दिसंबर महीने के बीच की जाती है और यह तकरीबन 130 दिन में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. ऐसे में देशभर के ज्यादातर हिस्सों में मसूर दाल की कटाई का हिस्सा या तो पूरा हो गया है या अंतिम चरण में है. इस बार सरकारी फसल खरीद करीब 30 दिन पहले शुरू की जा रही है. ऐसे में मसूर दाल की सरकारी खरीद 25 फरवरी के बाद और 10 मार्च के दौरान शुरू होने की उम्मीद जताई गई है. समय से पहले खरीद का उद्देश्य एफसीआई समेत अन्य सरकारी खरीद एजेंसियों की मदद से स्टॉक जल्दी पूरा करना है.
केंद्र सरकार ने कई फसलों पर एमएसपी दर बढ़ाने के साथ ही रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए मसूर की दाल पर एमएसपी दर भी बढ़ाई है. केंद्र सरकार ने मसूर दाल का एमएसपी रेट 6,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. 2021-22 में मसूर का एमएसपी रेट 5500 रुपये प्रति क्विंटल था. 2022-23 में एमसपी रेट में 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई, जिसके बाद रेट 6000 रुपये पहुंच गया. सरकार ने रबी सीजन 2023-24 के लिए मसूर दाल की एमएसपी 425 रुपये और बढ़ाकर 6,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है. बता दें कि रबी सीजन 2014-15 में मसूर का एमएसपी रेट 2,950 रुपये था. तब से अब मसूर के एमएसपी रेट में 3,475 रुपये की बढ़ोत्तरी की जा चुकी है.
मसूर दाल का उत्पादन अधिक होने का अनुमान लगाया गया है, क्योंकि बीते सीजन की तुलना में इस बार बुवाई रकबा करीब 1 लाख हेक्टेयर अधिक दर्ज किया गया है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 2022-23 में मसूर दाल का बुवाई रकबा 18.46 लाख हेक्टेयर एरिया में हुआ था, जो 2023-24 में बढ़कर 19.51 लाख हेक्टेयर पहुंच गया, जो तकरीब 1 लाख हेक्टेयर अधिक है. ऐसे में उत्पादन 20 लाख टन छूने की उम्मीद की जा रही है. क्योंकि, बीते सीजन में 2022-23 के दौरान मसूर का उत्पादन 15.8 लाख टन रहा था. उससे पहले 2021-22 सीजन में 12.69 लाख टन मसूर का उत्पादन हुआ था.