इस साल चावल खरीद बढ़ाएगी सरकार लेक‍िन गेहूं आयात करने की नहीं है कोई योजना

इस साल चावल खरीद बढ़ाएगी सरकार लेक‍िन गेहूं आयात करने की नहीं है कोई योजना

खाद्य सच‍िव संजीव चोपड़ा ने कहा है क‍ि उबले हुए गैर-बासमती चावल के निर्यात को प्रतिबंधित करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. गैर बासमती सफेद चावल और टूटे चावल का एक्सपोर्ट पर पहले से रोक लगी हुई है. जान‍िए भारत ने इस साल क‍ितना चावल एक्सपोर्ट क‍िया. 

गेहूं आयात नहीं करेगी सरकार (Photo-Kisan Tak).  गेहूं आयात नहीं करेगी सरकार (Photo-Kisan Tak).
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Aug 23, 2023,
  • Updated Aug 23, 2023, 8:43 PM IST

वर्तमान खरीफ सीजन में देश का चावल उत्पादन पिछले साल के 110 मिलियन टन से अधिक होने का अनुमान है. इस बार धान की बंपर बुवाई है और अब तक मौसम भी साथ दे रहा है. र‍िकॉर्ड उत्पादन की संभावना को देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले खरीद सीजन में खरीद का लक्ष्य मौजूदा सीजन की वास्तविक खरीद 49.6 मिलियन टन से थोड़ा बढ़ाकर 52.1 मिलियन टन कर दिया गया है. पिछले साल सरकार ने खरीफ में पैदा होने वाले चावल की खरीद का लक्ष्य 51.56 मिलियन टन निर्धारित किया था. यह खरीद अक्टूबर और मार्च के बीच की जाती है. हालांक‍ि, असम और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में खरीद जून तक जारी रहती है, क्योंकि अन्य राज्यों में खरीफ धान की कटाई में देरी होती है. दूसरी ओर, सरकार ने यह भी कहा है क‍ि गेहूं आयात की कोई योजना नहीं है. 

इस बीच, खाद्य सच‍िव संजीव चोपड़ा ने कहा है क‍ि उबले हुए गैर-बासमती चावल के निर्यात को प्रतिबंधित करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, लेकिन जब तक सरकार कोई फैसला नहीं ले लेती, इसे साझा नहीं किया जा सकता, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि ऐसा हो सकता है. बता दें क‍ि सरकार ने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर 20 जुलाई से रोक लगाई हुई है. जबक‍ि टूटे चावल का एक्सपोर्ट 8 स‍ितंबर 2022 से ही बैन है. बासमती को छोड़ दें तो अब स‍िर्फ सेला चावल ही एक्सपोर्ट हो सकता है. अब इसके बैन को भी लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. 

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हमने क‍ितना क‍िया एक्सपोर्ट

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में भारत से बासमती चावल का कुल निर्यात 4.8 बिलियन डॉलर मूल्य का था. गैर-बासमती चावल का निर्यात 17.79 मिलियन टन था, जिसका मूल्य 6.36 बिलियन डॉलर था. इस वित्तीय वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में, लगभग 1.55 मिलियन टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1.16 मिलियन टन था. हमने एक साल में ही चावल का एक्सपोर्ट करके करीब 90 हजार करोड़ रुपये कमाए हैं. 

गेहूं आयात की योजना नहीं

ये तो रही चावल उत्पादन और खरीद की बात. लेक‍िन, अब कुछ गेहूं की भी बात कर लें. ज‍िसकी काफी चर्चा है. गेहूं आयात के बारे में पूछे जाने पर चोपड़ा ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार रूस के साथ सरकार-से-सरकारी सौदे पर रियायती दरों पर गेहूं आयात करने के लिए बातचीत कर रही है. ऐसी चर्चा है क‍ि भारत गेहूं पर लगा हुआ 40 फीसदी आयात शुल्क भी कम कर सकता है. हालांक‍ि, इसे लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. लेक‍िन इतना जरूर है क‍ि गेहूं के दाम को काबू करने के ल‍िए एक ही साल में सरकार तीन बार ओपन मार्केट सेल स्कीम लाई है, लेक‍िन दाम कम नहीं हुए. 

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