महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में गोदावरी नदी को बाढ़ आ गई है. बाढ़ की वजह से किसानों की लाखों एकड़ खेती बर्बाद हो गई है. इसके अलावा लोगों के घरों में पानी भी घुस गया है. नांदेड़ में बाढ़ के हालात काफी गंभीर होते जा रहे हैं. वहीं प्रशासन की ओर से 450 से ज्यादा लोगों को पानी से निकालकर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. जायकवाडी दिग्रस और नासिक से आने वाले पानी से विष्णुपुरी बांध 100 प्रतिशत भरने से बांध के 16 गेट ओपन किए गए और गोदावरी नदी में 2 लाख 68,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया.
गोदावरी नदी क्षेत्र के आस-पास के गांव में बाढ़ का पानी आ गया है. लाखों हेक्टर खेती बाढ़ से प्रभावित हुई है और उसमें किसानों का सोयाबीन ,कपास हल्दी, मूंग, उडद, गन्ना और अन्य फसल का नुकसान हुआ है. मराठवाड़ा में सबसे ज्यादा नुकसान नांदेड़ जिले में ही हुआ है. मराठवाड़ा के कई जिलों में पिछले 6-7 दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण जयकवाड़ी बांध और दिग्रास बांध के भी गेट खोले गए जिससे विष्णुपुरी बांध 100 फीसदी पानी से भर गया है. इसके चलते गोदावरी नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. गोदावरी नदी पर बना नामघाट पुल पानी के नीचे पहुंच गया है. आसना नदी भी खतरे के ऊपर से बह रही है.
पानी के बढ़ते प्रवाह के साथ नांदेड़ शहर का बंदा घाट पुल डूब गया है, इसलिए यातायात को भी रोक दिया गया है. इसके अलावा गोवर्धन घाट स्थित मुख्य श्मशान घाट भी पानी में डूब गया है. प्रशासन ने सिडको क्षेत्र स्थित श्मशान घाट को शवदाह के लिए वैकल्पिक स्थान के रूप में इस्तेमाल करने की अपील की है.
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जिले में बाढ़ के हालात काफी गंभीर होते जा रहे हैं जिसके चलते नायगांव, धर्माबाद, उमरी, देगलूर, बिलोली, तहसील सहित नांदेड शहर के वसरनी ,लक्ष्मी नगर, मरघाट, सैलाब नगर पंचशील नगर, अन्य कही इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुसा है. प्रशासन की ओर से लोगों को पानी से निकालकर सुरक्षित स्थलों पर भेजा जा रहा है.
जल तबाही को देखते हुए प्रशासनिक तैयारी जोरों पर है. गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने से आस-पास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की व्यवस्था कराई जा रही. सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. कई किसानों की तैयार फसल को 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है.