Ghazipur News: गाजीपुर के एक किसान ने ऑर्गेनिक खेती कर दुनियाभर में अपनी खास जगह बनाई है. आज हम उनकी कहानी आपको बताएंगे. जिनकी उगाई सब्जियां भारत समेत 35 देशों में भेजी जाती हैं. मुहम्मदाबाद क्षेत्र के जोगा मुसाहिब के डॉ. रामकुमार राय अपने 50 एकड़ के खेत में ऑर्गेनिक खेती करके लौकी, नींबू, खीरा, लाल, पीली, हरी शिमला मिर्च, गोभी, हरा टमाटर, लाल भिंडी, पपीता, लतरा सहित कई सब्जियां उगा रहे हैं. इसके साथ ही हरा मटर और मिर्च की खेती कर रहे हैं. खेती से सालाना लाखों रुपये की कमाई करने वाले डॉ. रामकुमार राय ने किसान तक से खास बातचीत में बताया कि साल 2015 में खेती शुरू की थी. वहीं 2017 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. पंजाब सिंह से मुलाकात हुई थी. पंजाब सिंह ने हौसला दिया. उसके बाद शिवांश एफपीओ स्थापित कर किसानों की सेवा करने का निश्चय लिया. उन्होंने बताया कि गांव में 50 एकड़ से खेती की शुरुआत की थी. आज हमारे क्षेत्र में किसान 1500 एकड़ में खेती कर रहे हैं.
राजकुमार राय का कहना है कि कृषि से जुड़े अबतक के उनके सफर में फोर्ड फाउंडेशन ने अहम भूमिका निभाई है. इस संस्था से जुड़कर ही उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग का काम शुरू किया था. राय के अनुसार साल 2020- 21 में उन्हें एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस मिला था.
एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) ने उन्हें यह लाइसेंस दिया था. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में सब्जियों के नुकसान होने के बाद विदेश भेजने के लिए लाइसेंस हासिल करने का निर्णय लिया.
यह भी पढ़ें- क्या है ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम? कब से कब तक होने हैं प्रोग्राम, यहां जानें पूरी डिटेल्स
उसके बाद अब मटर, मिर्च और तीसी का एक्सपोर्ट कर रहे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा मुनाफा बंगलादेश, नेपाल और भूटान में मिलता है, वहां रोजाना 4-5 ट्रक सब्जियां भेजी जा रही है. जिसमें नींबू, हरा मटर और मिर्च शामिल है. उसके अलावा दुबई, रखैल,शारजाह, ओमान, कुवैत, कतर और साउदी अरब के देशों में वाराणसी एयरपोर्ट से प्रतिदिन 40 क्विंटल सब्जियां भेजी जाती है.
विस्तार से मुनाफे के बारे में बताते हुए किसान राजकुमार राय ने कहा कि भारत में हरी मिर्च 40 रुपये प्रति किलो है, जबकि 150-160 रुपये किलो के हिसाब से भुगतान करते है. उन्होंने बताया कि पिछले साल मुझे 54 लाख रुपये लागत छोड़कर मुनाफा हुआ था. आज गाजीपुर जिले में 615 किसान मिलकर 400 हेक्टेअर में खेती कर रहे हैं. जहां हर किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहा है.
यह भी पढ़ें- Sugarcane Farming : बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान, जानें क्या हैं वैज्ञानिक सुझाव और सरकार से किसानों की मांग?
राय ने बताया कि यूरोप में ब्रिटेन के अलावा ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना, जर्मनी के शहर म्यूनिख, स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातीस्लावा, हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट, लक्जमबर्ग. इसके अलावा अरब देशों में दुबई, शारजाह, ओमान, कतर, जेद्दाह. इसी तरह से अफ्रीकी देशों में दक्षिण अफ्रिका, नाइजीरिया में एक्सपोर्ट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में उनके कृषि उत्पाद की ज्यादा डिमांड रहती है.
जोगा मुसाहिब गांव निवासी डॉ. रामकुमार राय की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई. इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए. वहां वकालत और पीएचडी करने के बाद अध्यापक की नौकरी की लेकिन मन में तो किसान था, इसलिए नौकरी छोड़कर किसानी में लग गए.
अब वह गाजीपुर समेत कई जिलों में किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए है.
बता दें कि राजकुमार राय ने सिर्फ खेती किसानी में ही अपनी अलग पहचान नहीं बनाई है, बल्कि उन्होंने उच्च शिक्षा भी ग्रहण की है. रामकुमार राय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ले चुके हैं. सफल ऑर्गेनिक किसान के तौर पर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन ने लखनऊ राजभवन में आयोजित प्रादेशिक फल शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में डॉ. रामकुमार राय को सफल ऑर्गेनिक खेती करने पर पुरस्कृत कर चुकी है.
इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े राजनेता राजकुमार राय को राष्ट्रीय स्तर पर वह कई बार सम्मानित हो चुके है. डॉ. रामकुमार राय ने बताया कि इस क्षेत्र में काफी पैमाने पर सब्जियों की खेती की जाती है. ऐसे में अगर सरकार फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर दे तो किसानों की आय कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी.