महाराष्ट्र के किसानों को भले ही प्याज का सही दाम नहीं मिल रहा है लेकिन इस बार उन्हें लहसुन ने संभाल रखा है. जिन किसानों ने लहसुन की खेती की थी उनकी इस साल अच्छी कमाई हुई है. अभी भी कई मंडियों में किसानों को लहसुन का थोक दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल तक निल रहा है. जहां लहसुन 200 रुपये किलो तक के रेट पर बिक रहा है वहीं प्याज सिर्फ 200 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर बिक रहा है, मतलब मात्र 2 रुपये किलो. जबकि पिछले साल किसानों ने सिर्फ 10 से 20 रुपये किलो पर लहसुन बेचा था.
लहसुन का उत्पादन करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश सबसे आगे है. इसके अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी इसकी बड़े पैमाने पर खेती होती है. हालांकि यह भी सच्चाई है कि इसकी खेती में प्याज, कॉटन और सोयाबीन की खेती जितने किसान नहीं जुड़े हुए हैं . लेकिन जितने भी किसानों ने इसकी खेती की है उन्होंने बढ़िया कमाई की है. दो महीने पहले किसान 300 रुपये किलो के थोक दाम पर लहसुन बेच रहे थे और लोगों को रिटेल में यह 500 रुपये किलो तक के दाम पर मिल रहा था.
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राज्य की मंडियों में हाइब्रिड लहसुन का किसानों को ज्यादा दाम मिल रहा है, जबकि लोकल का कम. राज्य की अधिकांश मंडियों में प्याज और सोयाबीन का दाम बहुत कम मिल रहा है, जबकि लहसुन का दाम पिछले साल से काफी अच्छा है. क्योंकि किसानों का कहना है इसकी खेती इस बार कम हुई थी. पिछले साल कम दाम से परेशान होकर किसानों ने खेती में कटौती कर दी थी. इसी तरह इस साल किसानों को पिछले साल अदरक का दाम बहुत कम मिला था लेकिन इस साल बहुत अच्छा दाम मिल रहा है. महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 28 मार्च को ड्राई अदरक का दाम 46000 रुपये क्विंटल तक है, जबकि फ्रेश का दाम 12000 रुपये तक है.
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