फूलों की खेती से महकने लगा महिलाओं का जीवन, परिवार की बदल रहीं तकदीर

फूलों की खेती से महकने लगा महिलाओं का जीवन, परिवार की बदल रहीं तकदीर

फूलो की खेती में खास बात यह है की इससे कम पानी कम लागत और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि गेंदा फूल की मांग सालों भर बनी रहती है. इसलिए किसानों को इससे अच्छी आमदनी हो रही हैं.

मुजफ्फरपुर में दर्जनों महिलाएं कर रहीं है फूल की खेतीमुजफ्फरपुर में दर्जनों महिलाएं कर रहीं है फूल की खेती
मणि भूषण शर्मा
  • Bihar,
  • Jun 02, 2023,
  • Updated Jun 02, 2023, 12:36 PM IST

परंपरागत खेती की जगह अब अन्य फसलों की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है. मुजफ्फरपुर जिले के पियर मनियारी काटी वीरपुर गांव की दर्जनों महिलाओं की जिंदगी भी अब फूलों की सुगंध से महकने लगी है, दरअसल मुजफ्फरपुर की महिलाएं अब पारंपरिक फसलों की खेती को छोड़कर गेंदे की फूल की खेती कर रही हैं. इसको लेकर वीरपुर गांव की रूबी देवी बताती हैं क‍ि पहले उनके परिवार के लोग परंपरागत खेती करते थे, जिससे उन्हें काफी घाटा होता था. लेकिन, हमने अपनी देखरेख में दस कट्ठा खेत में गेंदा के फूल की खेती शुरू की. इसकी रोपाई से लेकर तुड़ाई तक का सारा काम हम खुद से करते हैं. वहीं दूसरी महिलाएं भी इसमें सहयोग करती है. साथ ही पुरुष सिर्फ बिक्री के लिए फूलों को शहरों के मार्केट ले जाते है और उसे बेचते हैं.

उन्होंने बताया कि एक कट्ठा में गेंदे के फूल की खेती करने में 1500 से 2500 रुपये तक की खर्च आता है. वहीं बढ़िया सीजन रहने पर प्रति कट्ठा 5000 से 10000 हजार रुपये की आमदनी होती है. वहीं एक दिन बीच कर फूलों की तुड़ाई की जाती है. साथ ही प्रतिदिन दस कट्ठा जमीन में करीब 50 किलो फूल निकलता है, जिसकी बाजार में 100 रुपए किलो बिक्री होती है.

महिलाएं करती हैं फूलों की खेती

फूल बाजार में बिक्री के लिए आए मोहन राम जो चंदरहटी से फूल लेकर बिक्री करने आए हुए थे उन्होंने बताया की फूल की खेती से संबंधित सभी कार्य महिलाएं ही करती हैं. हमलोग सिर्फ इसे बाजार बिक्री के लिए लाते है. वह एक बीघे में फूल की खेती करते हैं. वहीं पियर गांव से आए शैलेंद्र सिंह ने बताया की 8 कट्ठा में गेंदा के फूल की खेती करते है और इस खेती की जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर है.

टेनिस बॉल नाम के गेंदा फूल की खेती

फूल की बिक्री के लिए आए इंद्रजीत शाही ने बताया की उन्होंने पहली बार ट्रायल के रूप में गेंदे की फूल की खेती की. खेती के लिए उन्होंने टेनिस बॉल नाम के गेंदा फूल की हाइब्रिड वैरायटी के बीज को मंगवाया. फिर नर्सरी तैयार की और रोपाई के बाद फूलों की हार्वेस्टिंग की. जिसमें उन्हें काफी मुनाफा हुआ.

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कम लागत में होता है अधिक मुनाफा

फूलो की खेती में खास बात यह है की इससे कम पानी कम लागत और कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. क्योंकि गेंदा फूल की मांग सालों भर बनी रहती है. इसलिए किसानों को इससे अच्छी आमदनी हो रही हैं.

आमदनी से फल-फूल रहा है परिवार

इंद्रजीत शाही ने बताया की हम अपनी ड्यूटी करते हुए गेंदे के फूल की खेती करते हैं,जिसकी जिम्मेदारी घर की महिलाओं ने अपने कंधे पर ले रखी है और इससे होने वाली आमदनी से पूरा परिवार अब फूल की तरह सुगंधित हो रहा है. वहीं जिला कृषि पदाधिकारी शिलाजीत सिंह ने बताया की टेनिस बाल गेंदा फूल पौधे की हाइट 3 से 4 फुट होती है. तीन महीने में फूल आना शुरू हो जाता है और पैदावार भी अधिक होती है. इसमें मेहनत भी दूसरे फसल की अपेक्षा कम लगती है. जिले में दर्जनों महिलाओं ने इसकी खेती शुरू की है,  जिन्हे इस खेती के बारे में विभाग से मार्गदर्शन दिया जाता है.

 

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