मारकंडा नदी का जलस्तर घटा फिर भी नहीं कम हुई किसानों की मुश्किल, 10 हजार एकड़ से ज्यादा फसल तबाह

मारकंडा नदी का जलस्तर घटा फिर भी नहीं कम हुई किसानों की मुश्किल, 10 हजार एकड़ से ज्यादा फसल तबाह

इस साल देश के अधिकांश राज्यों में भारी बारिश देखने को मिली है. हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बहने वाली मारकंडा नदी में भी जलस्तर बढ़ने के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. अभी नदी का पानी थम रहा है लेकिन किसानों की समस्या नहीं, आइए जानते हैं क्या मामला है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 09, 2025,
  • Updated Sep 09, 2025, 2:05 PM IST

इस साल की बारिश के बाद हिमाचल-हरियाणा में बहने वाली मारकंडा नदी का रौद्र रूप देखने को मिला. नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ा है. पिछले कई दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बहने के साथ शाहाबाद और पेहोवा उपमंडलों में गंभीर जलभराव की स्थिति पैदा करने के बाद मारकंडा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. हालांकि इसके बाद भी किसानों की स्थिति में जल्द सुधार होने की संभावना नहीं है. 

किसानों को भारी नुकसान 

नदी में खतरे के निशान के ऊपर पानी पहुंचने के बाद खेतों में भी पानी भर गया जिसके चलते हजारों एकड़ धान की फसल अभी भी पानी में डूबी हुई है. आंकड़ों के अनुसार 07 सितंबर तक कुरुक्षेत्र के 200 गांवों के 3,951 किसानों ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 23,540 एकड़ से ज्यादा की क्षति के दावे दर्ज कराए हैं. शाहाबाद सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, जहां 75 गांवों में नुकसान हुआ है. इसके बाद पेहोवा के 46 गांव, थानेसर के 32 गांव, इस्माइलाबाद के 21 गांव, बाबैन के 16 गांव और लाडवा ब्लॉक के 10 गांवों में भारी नुकसान हुआ है. 

10 हजार एकड़ फसल बर्बाद 

द ट्रिब्यून के मुताबिक कुरुक्षेत्र के कृषि उप निदेशक (डीडीए) डॉ. करमचंद ने कहा कि मरकंडा नदी के कारण जलमग्न खेतों में धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है क्योंकि नदी अपने साथ भारी मिट्टी भी लाती है. इसके कारण 10,000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर 50 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. किसान अभी भी नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं और सर्वेक्षण के बाद स्थिति स्पष्ट होगी. उन्होंने बताया कि जिले में लगभग 3.10 लाख एकड़ में धान की फसल है. 

सरकार से किसान नेताओं की मांग 

बीकेयू (पेहोवा) के प्रवक्ता प्रिंस वरैच ने कहा कि मारकंडा नदी में अधिक जलस्तर के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को किसानों की सुरक्षा के लिए नदी की तलहटी को गहरा करना चाहिए और मजबूत तटबंध बनाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी समस्या का सामना किया जा सके.  इसके अलावा पेहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप चट्ठा ने कहा कि मारकंडा नदी के उफान पर होने के कारण हुए भीषण जलभराव ने पेहोवा के कई गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया है. पानी रिहायशी इलाकों में नहीं घुसा है, लेकिन खेतों में पानी भर गया है. हमने कई गांवों का दौरा किया है और किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं. सरकार को इसका स्थायी समाधान निकालना चाहिए और किसानों को हर साल होने वाले नुकसान से बचाना चाहिए. 
 

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