केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ फसलों की बुवाई का ताजा आंकड़ा जारी कर दिया है. इस आंकड़े में 5 सितंबर 2025 तक की बुवाई की जानकारी दी गई है. इसमें धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज, गन्ना, कपास से लेकर मक्का आदि की जानकारी दी गई है. ताजा आंकड़ा बताता है कि सामान्य बुवाई से अभी तक का रकबा पार कर चुका है. कुल खरीफ फसलों की बुवाई का सामान्य आंकड़ा 1096 लाख हेक्टेयर है जबकि अभी तक रकबा 1105 लाख हेक्टेयर को पार कर चुका है. पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 1078 लाख हेक्टेयर था. पिछले साल की तुलना में रकबे में 27 लाख हेक्टेयर का इजाफा है. यह वृद्धि अच्छे मॉनसून की वजह से है.
धान की फसल का रकबा इस बार 438.28 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के 418.66 लाख हेक्टेयर से 19.63 लाख हेक्टेयर अधिक है. धान की खेती का सामान्य रकबा 403.09 लाख हेक्टेयर है. यह खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल है और अच्छी बारिश से धान की बुवाई को फायदा हुआ है.
दालों की कुल बुवाई थोड़ी ही बढ़ी है. इसमें पिछले साल से 1.94 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है. पिछले साल यह 114.46 लाख हेक्टेयर थी जो बढ़कर 116.40 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है. उड़द (काली दाल) की बुवाई 2.01 लाख हेक्टेयर बढ़ी है और अब 23.35 लाख हेक्टेयर हो गई है. मूंग (हरी दाल) में भी हल्की बढ़ोतरी (0.13 लाख हेक्टेयर) दर्ज की गई है. लेकिन अरहर (तुअर) की बुवाई घटकर 45.19 लाख हेक्टेयर रह गई है, जो पिछले साल 45.71 लाख हेक्टेयर थी. यानी अभी तक 0.52 लाख हेक्टेयर की गिरावट है.
मोटे अनाजों (जैसे ज्वार, बाजरा, रागी) का क्षेत्रफल बढ़ा है और इसमें 12.09 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है. पिछले साल 179 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती हुई थी जो इस साल बढ़कर 191 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है. इसका सामान्य रकबा 180 लाख हेक्टेयर है.
मक्का की बुवाई में 10.32 लाख हेक्टेयर की जोरदार बढ़ोतरी हुई है. यह अब 94.62 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है जबकि सामान्य रकबा 78.95 लाख हेक्टेयर है.
ज्वार और बाजरा में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया. बाजरा जबकि 0.07 लाख हेक्टेयर की गिरावट में है. रागी की बुवाई में 0.91 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है.
तिलहन की बुवाई में इस बार कमी देखी गई है और यह कमी 5.23 लाख हेक्टेयर की है. पिछले साल 192 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती हुई थी जबकि इस बार 186 लाख हेक्टेयर ही है. सोयाबीन की बुवाई में 5.72 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई है. मूंगफली का क्षेत्रफल 0.04 लाख हेक्टेयर बढ़ा है और 47.53 लाख हेक्टेयर तक पहुंचा है. हालांकि सामान्य रकबा 45.10 लाख हेक्टेयर से अधिक है. सूरजमुखी की बुवाई में 0.06 लाख हेक्टेयर की गिरावट हुई है.
कपास की बुवाई में 2.96 लाख हेक्टेयर की कमी आई है. अब यह 109.17 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 112 लाख हेक्टेयर था. इसका सामान्य रकबा 129 लाख हेक्टेयर है.
गन्ना का क्षेत्रफल 1.64 लाख हेक्टेयर बढ़ा है- 57.31 लाख हेक्टेयर हो गया है. जूट की बुवाई में 0.18 लाख हेक्टेयर की कमी आई है.
हालांकि खरीफ फसलों की कुल बुवाई सामान्य से अधिक पहुंच गई है और कुछ फसलों में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन अत्यधिक बारिश और बाढ़ की वजह से कई इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा है.