फसलों के गिरते दाम की वजह से किसानों में गुस्सा और निराशा दोनों ही बढ़ रही है. सही दाम न मिलने की वजह से किसानों के लिए फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है. जिसकी वजह से किसान अजीबोगरीब कदम उठाते नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही टमाटर के अच्छे दाम न मिलने की वजह से किसानों ने अपने खेतों में ट्रैक्टर चला दिया था. वहीं दूसरी खबर महाराष्ट्र के जालना से आ रही है जहां एक किसान ने मौसंबी के उचित दाम न मिलने पर बगीचे में जेसीबी चला दी. आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर.
जालना में एक किसान ने अपने ढाई एकड़ के मौसंबी के बगीचे पर जेसीबी चला दी. जालना के मौसंबी उत्पादक किसान मौसंबी को उचित दाम नहीं मिलने से चिंतित नजर आ रहे हैं. जालना जिले के अंबड़ तहसील के हस्तपोखरी गांव के एक किसान ने अपने मौसंबी के बगीचे पर जेसीबी चलाकर उसे बर्बाद कर दिया है. आपको बता दें कि मौसंबी के इस किसान का नाम उद्धव चव्हाण है. मौसंबी के बगीचे पर लगातार संकट मंडरा रहा है. किसान मौसंबी की खेती पर जितना खर्च करते हैं, उससे भी कम कमा पा रहे हैं. इस वजह से किसानों के लिए अपने बगीचे का रखरखाव करना मुश्किल हो गया है. इस स्थिति से तंग आकर अंबड़ तहसील के हस्तपोखरी गांव के किसान उद्धव चव्हाण ने अपने ढाई एकड़ के बगीचे में लगे लगभग 525 मौसंबी के पेड़ों को जेसीबी की मदद से काट दिया है.
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पिछले कुछ वर्षों से जिले में सूखे और बीमारियों के कारण मौसंबी के बागों से होने वाली आय उसके खर्च के बराबर नहीं हो पा रही है. इसके कारण मौसंबी का उत्पादन करने वाले किसान आर्थिक संकट में पड़ गए हैं. हस्तपोखरी और आसपास के इलाकों में फलों के बागों का क्षेत्रफल बड़ा है क्योंकि यहां की जमीन फलों के बागों के लिए पोषक है. इसलिए यहां किसान फलों की खेती करते नजर आते हैं. हालांकि, इस साल अप्रैल के महीने में ही कुएं का जलस्तर कम हो गया है. इसके कारण अंबड़ तालुका के कई किसानों को अपने बागों को पानी उपलब्ध कराने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर, जालना जिले में पानी की कमी के कारण पेड़ मरते नजर आ रहे हैं.
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हस्तपोखरी के किसान उद्धव चव्हाण ने 2018-19 में 525 मौसंबी के पेड़ लगाए थे. पिछले साल उन्होंने इस बाग पर काफी मोटी रकम खर्च की थी. इसलिए उम्मीद थी कि इस साल बाग में अच्छी फसल होगी. लेकिन, मौसंबी का उचित दाम और उचित उत्पादन नहीं मिलने से किसान उद्धव चव्हाण ने इन पेड़ों को जेसीबी की मदद से उखाड़ दिया. मौसंबी के पेड़ पांच साल लगाने के बाद फल देते हैं. किसान उद्धव के मौसंबी के बगीचे में इस साल फल लगने लगे. लेकिन बाजार में मौसंबी का उचित दाम नहीं मिलने से किसान उद्धव चव्हाण परेशान हो गए और 525 मौसंबी के पेड़ों को काटने की नौबत आ गई और उन्होंने अपने 525 मौसंबी के पेड़ काट दिए. इससे किसान उद्धव चव्हाण को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. (गौरव विजय साली का इनपुट)