पश्चिम बंगाल में डाइबैक रोग से किसान परेशान, दार्जिलिंग संतरे के उत्पादन में आई 15 प्रतिशत की गिरावट

पश्चिम बंगाल में डाइबैक रोग से किसान परेशान, दार्जिलिंग संतरे के उत्पादन में आई 15 प्रतिशत की गिरावट

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और बागवानी मंत्री अरूप रॉय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल खाद्य प्रसंस्करण कॉन्क्लेव में कहा कि इस बीमारी के कारण इस साल उत्पादन में लगभग 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है. रॉय ने कहा कि राज्य सरकार डाइबैक बीमारी के कारण संतरे के उत्पादन में गिरावट को रोकने के लिए उपाय कर रही है. 

दार्जिलिंग संतरे के उत्पादन में गिरावट. (फोटो क्रेडिट- pinterest)दार्जिलिंग संतरे के उत्पादन में गिरावट. (फोटो क्रेडिट- pinterest)
वेंकटेश कुमार
  • Noida,
  • Dec 24, 2023,
  • Updated Dec 24, 2023, 10:54 AM IST

पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध दार्जिलिंग संतरे के उत्पादन में इस बार गिरावट आई है. कहा जा रहा है कि डाइबैक रोग के चलते दार्जिलिंग संतरे के उत्पादक किसान परेशान हैं. इस रोग ने फसल को काफी प्रभावित किया है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान का भय सताने लगा है. हालांकि, प्रदेश सरकार डाइबैक रोग से संतरे की फसल को बचाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है.

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग संतरे की खेती केवल दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों होती है. लेकिन इस साल संतरे के बगान में डाइबैक रोग कुछ ज्यादा ही फैल गया है. इससे फसल को काफी नुकसान हुआ है. वहीं, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और बागवानी मंत्री अरूप रॉय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल खाद्य प्रसंस्करण कॉन्क्लेव में कहा कि इस बीमारी के कारण इस साल उत्पादन में लगभग 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है.

प्रकोप धीरे- धीरे बढ़ता जा रहा है

रॉय ने कहा कि राज्य सरकार डाइबैक बीमारी के कारण संतरे के उत्पादन में गिरावट को रोकने के लिए उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में सेंट्रल साइट्रस रिसर्च इंस्टीट्यूट, नागपुर और अन्य विशेषज्ञों से बात की है. हमें अपने किसानों की मदद करनी होगी. खास बात यह प्रदेश में डाइबैक रोग का प्रकोप धीरे- धीरे बढ़ता जा रहा है.

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उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है

पिछले कुछ वर्षों में, राज्य में दार्जिलिंग मंदारिन संतरे उगाए जाने वाले कुल क्षेत्रफल का लगभग 80 प्रतिशत केवल डाइबैक रोग के कारण कम हो गया है. कीटों के हमले, उचित गुणवत्ता वाले पौधों की कमी और मिट्टी की उर्वरता में कमी सहित अन्य कारणों से संतरे की इस किस्म के उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है.

किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि संतरे के उत्पादन में गिरावट के मुद्दे को हल करने के लिए सकार सचेत हैं. इसके लिए राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और बागवानी विभाग के तहत सिनकोना और अन्य औषधीय संयंत्र निदेशालय, गुणवत्तापूर्ण रोग-मुक्त रोपण सामग्री का उत्पादन करने की योजना बना रहा है. हम मौजूदा संतरे के बागों के कायाकल्प के लिए किसानों के पास जा रहे हैं. इसके लिए हम इनार्चिंग और रोग प्रबंधन, कीड़े और कीट प्रबंधन और पोषण प्रबंधन करेंगे. अधिकारी ने कहा कि हम किसानों को इस रोग से फसल को बचाने के लिए ट्रेनिंग देंगे.

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