कपास की ये 5 देसी किस्में आपकी कमाई बढ़ा देंगी, 30 क्विंटल/हेक्टेयर तक पाएं उपज

कपास की ये 5 देसी किस्में आपकी कमाई बढ़ा देंगी, 30 क्विंटल/हेक्टेयर तक पाएं उपज

देसी कपास की खेती किसानों को कम लागत और कम मेहनत में अच्छी कमाई देती है. किसान इस कपास की खेती कर अपना इनकम आसानी से बढ़ा सकते हैं. ऐसे में हम आपको देसी कपास की 5 किस्मों के बारे में बता रहे हैं जिसकी खेती कर आप कमाई बढ़ा सकते हैं.

कपास की खेती कपास की खेती
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 05, 2025,
  • Updated Aug 05, 2025, 6:40 AM IST

कपास ऐसी फसल है जो किसानों को भरपूर कमाई देती है. एक सीजन में नहीं बल्कि कई सीजन तक. अगर मौजूदा सीजन में अच्छा दाम नहीं मिले तो इसके खराब होने की संभावना भी नहीं होती. किसान इसे अगले सीजन में बिक्री के लिए रख सकते हैं. यानी कपास ऐसी नकदी फसल है जिसे अपने मुताबिक बेच कर कमाई कर सकते हैं. जब दाम अच्छा मिले तभी बेचें, वरना उसे स्टोर करके रख लें. इसका उत्पादन भी अच्छा मिलता है. ऐसे में हम यहां देसी कपास की 5 किस्मों के बारे में जान लेते हैं जो आपकी कमाई को बढ़ा सकती हैं. साथ में उपज भी अच्छी मिलेगी.

1-आर.जी.-8

इस किस्म के पौधों की पत्तियां संकरी गहरी कटी हुई होती हैं. फूल हल्के पीले रंग के होते हैं जिनकी पंखुड़ियों के अंदर लाल धब्बे पाए जाते हैं. टिंडों का आकार अंडाकार होता है. यह किस्म अन्य प्रमाणित किस्मों की अपेक्षा जल्दी पकती है. इसकी ओटाई (cotton ginning, कपास के बीज से रेशे को अलग करना) प्रतिशत भी अधिक होती है.

2-आर.जी.-18

यह मध्यम समय (160-170 दिन) में पकने वाली एक तरह की शाखाओं वाली किस्म है. इसके पौधों की ऊंचाई 130-140 से.मी. होती है. इसकी पत्तियां संकरी और बैंगनी रंग की होती हैं और फूलों का रंग गुलाबी होता है, जिस पर गहरे लाल रंग के धब्बे पाए जाते हैं. टिंडे का आकार मध्यम (औसत वजन 2.2 ग्राम) और औसत ओटाई 38 प्रतिशत है. इसकी औसत उपज 24-26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. यह किस्म जड़ गलन रोग के प्रति सहनशील है.

3-राज.डी.एच.-9

इस जीएमएस आधारित संकर किस्म के पौधों की ऊंचाई 140-145 सेमी और पत्तियां अर्द्ध चौड़े आकार की और हरे रंग की होती हैं. फूल पीले रंग का, जिनकी पंखुड़ियों के अंदर लाल धब्बे पाए जाते हैं. टिंडों का आकार अर्द्ध अंडाकार होता है और औसत ओटाई 39 प्रतिशत है. इस किस्म की औसत उपज 26-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आंकी गई है. यह किस्म 160-170 दिन में पक कर तैयार हो जाती है.

4-एच.डी.-123

इस किस्म की पत्तियां संककी कटी होती हैं. इसमें फल छोटे और सफेद रंग के होते हैं जिनकी पंखुड़ियों के अंदर लाल-धब्बे पाए जाते हैं. इसकी औसत उपज लगभग 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इसकी ओटाई 36-37 प्रतिशत होती है.

5-आरजी- 542

वर्ष 2013 में राजस्थान राज्य के लिए अनुमोदित देशी कपास की यह किस्म आरजी 255 पीए 255 के संयोग से विकसित की गई है. इसके पौधे 140-145 सेमी लंबे होते हैं. फूल क्रीम रंग के होते हैं और पंखुड़ियों की अंदरूनी निचली सतह पर लाल धब्बे होते हैं. टिंडों का औसत वजन 3.00 ग्राम होता है. ओटाई प्रतिशत 22 लगभग 35.9 होती है, जबकि रेशे की औसत लंबाई 23.2 मिमी पाई गई है. अनुकूल परिस्थितियों और उचित प्रबंधन से यह किस्म 160-170 दिनों में तैयार होकर लगभग 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन दे सकती है. इस किस्म में रूई झड़ने की समस्या तुलनात्मक रूप से कम है.

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