इस साल कपास के कम दाम से पंजाब के किसान परेशान हैं. उन्हें इसकी खेती से कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है. कम मांग, कम दाम और इस साल कम उपज के कारण राज्य के काफी किसान इस साल कपास की खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. लेकिन, दूसरी ओर देश के बड़े कपास उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है. यहां के किसानों को एमएसपी से अधिक दाम मिल रहा है. दोनों राज्यों के हालात में काफी अंतर है. केंद्र सरकार ने लंबे रेशे वाले कपास की एमएसपी 7020 रुपये जबकि मध्यम रेशे के कपास की एमएमपी 6620 रुपये क्विंटल तय की है. पंजाब के बाजार में इसकी कीमत फिलहाल 4,700 रुपये से 6,800 रुपये के बीच बनी हुई है. ऐसे में कम भाव मिलने के कारण किसान खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. दूसरी ओर महाराष्ट्र में 6500 से 7200 रुपये तक का दाम चल रहा है.
महाराष्ट्र में इस समय किसानों को कपास दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य जितना मिल रहा है. किसानों का कहना है कि इस साल राज्य में कपास के उत्पादन कमी आई हैं ऐसे में आने वाले दिनों में शायद दाम बढ़ सकते हैं. इसके चलते किसान थोड़ा संतुष्ट नजर आ रहे हैं. कुछ किसान और दाम बढ़ने उम्मीद में कपास अभी नहीं बेच रहे हैं. महाराष्ट्र के किसानों के सामने अभी कपास की खेती छोड़ने जैसी नौबत नहीं आई है. किसानों को उम्मीद है कि इस साल कम उत्पादन के चलते 8000 से 9000 रुपये प्रति क्विंटल तक का दाम मिल सकता है.
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कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपने फसल अनुमान में कहा है कि 2023-24 में कॉटन उत्पादन 295.10 लाख गांठ होगा. वर्ष 2023-24 के लिए अनुमान पिछले वर्ष के 318.90 लाख गांठ से 7.5 प्रतिशत कम है. सीएआई ने उत्तरी क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में 43 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान लगाया है. एक गांठ में 170 किलोग्राम कॉटन होता है. उत्तरी क्षेत्र में राजस्थान, हरियाणा और पंजाब आते हैं. मध्य क्षेत्र में उत्पादन 179.60 लाख गांठ बताया गया है, जो पिछले साल के 194.62 लाख गांठ से काफी कम है. मध्य क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश आते हैं. उधर, दक्षिण क्षेत्र (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु) में उत्पादन पिछले साल के 74.85 लाख गांठ से कम होकर 67.50 लाख गांठ रहने का अनुमान है.
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