सिरसा में कपास किसानों का मिल मालिकों और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, मंडी में खरीदी ठप

सिरसा में कपास किसानों का मिल मालिकों और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, मंडी में खरीदी ठप

नवरात्रि के पहले दिन 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसान पहुंचे, भावों में कटौती और भुगतान में देरी को लेकर रोष. किसानों का आरोप है कि पहले से ही कपास के दाम नीचे चल रहे हैं, ऊपर से मंडी में भी कम दाम दिए जा रहे हैं.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 23, 2025,
  • Updated Sep 23, 2025, 2:00 PM IST

सोमवार को सिरसा की नई कपास मंडी में कपास किसानों और कपास कटाई करने वाले मिल मालिकों के बीच विवाद उभर कर सामने आया. नवरात्रि के पहले दिन किसानों ने मंडी में पहुंच कर 150 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में ताजा कपास (नर्मा) लाकर बिक्री शुरू की, लेकिन जल्द ही उन्होंने खरीदी रोक दी और जोरदार प्रदर्शन किया. किसानों का आरोप था कि कपास मिल मालिक मंडी में तो प्रति क्विंटल 6,000 से 7,000 रुपये तक की कीमतें दिखाते हैं, लेकिन भुजाई (गिनाई) और तौल के दौरान 500 से 1,000 रुपये तक की कटौती कर देते हैं.

एमएसपी रेट के लिए किसान परेशान

किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने कहा, “हम मंडी में घोषित कीमतों पर ही भुगतान चाहते हैं. मिल मालिक जो भी कटौती करते हैं, वह गलत है. हम इस बार कोई भी भुगतान कटौती स्वीकार नहीं करेंगे.” वहीं, आढ़तियों के संघ के अध्यक्ष प्रेम बजाज ने बताया कि किसानों और मिल मालिकों के बीच यह विवाद पुराना है, लेकिन जीएसटी क्लियरेंस को लेकर भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. उन्होंने कहा, “हम किसानों को तुरंत भुगतान करते हैं, लेकिन मिल मालिक जीएसटी के नाम पर 30 से 45 दिन तक भुगतान नहीं करते. इससे हमारी वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो जाती है.”

मंडी में रुकी कपास की खरीद

सिरसा मार्केट कमेटी के सचिव वीरेंद्र मेहता ने माना कि खरीदी के दौरान थोड़ी देर के लिए बाधा आई थी, लेकिन एसडीएम के हस्तक्षेप और मध्यस्थता के बाद खरीदी फिर से शुरू कर दी गई. उन्होंने कहा, “हम बुधवार को एसडीएम की अध्यक्षता में एक बैठक करेंगे जिसमें किसानों, मिल मालिकों और आढ़तियों के बीच दोनों मुद्दों — दरों की कटौती और भुगतान में देरी — को सुलझाने की कोशिश होगी.”

किसान विनोद कुमार पचार और ऋषि कालरा ने इस समस्या को लेकर गहरी नाराजगी जताई और कहा कि अगर मंडी की कीमतों पर भुगतान नहीं हुआ, तो वे आगे भी संघर्ष जारी रखेंगे. किसान आंदोलन की वजह से सिरसा की कपास मंडी में करीब तीन घंटे तक खरीदी बाधित रही.

कपास के कम दाम से किसान परेशान

किसानों में गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि कपास के दाम पहले से कम चल रहे हैं. लेकिन मंडियों में उससे भी कम दाम पर खरीदी की जा रही है. किसानों का कहना है कि इतने कम रेट पर कपास बिकेगा तो उनकी कमाई क्या होगी. ऐसी हालत में तो खेती की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा.

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