रबी सीजन के उत्पादन के लिए सरकार ने सेट किया टारगेट, बाढ़ और आपदा के बावजूद पिछले साल से इतना ज्यादा लक्ष्य

रबी सीजन के उत्पादन के लिए सरकार ने सेट किया टारगेट, बाढ़ और आपदा के बावजूद पिछले साल से इतना ज्यादा लक्ष्य

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में दिल्ली ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान -2025’ आयोजित हुआ जिसमें वर्ष 2025-26 के रबी सीजन के लिए 362.50 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. शिवराज सिंह ने कहा कि रबी फसलों के लिए 3 अक्टूबर से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ शुरू होगा.

Shivraj Pusa SammelanShivraj Pusa Sammelan
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Sep 16, 2025,
  • Updated Sep 16, 2025, 5:50 PM IST

केंद्र सरकार ने आगामी रबी सीजन के लिए उत्पादन का टारगेट सेट कर दिया है. ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान -2025’ में साल 2025-26 के लिए सरकार ने 362.50 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. बता दें कि यही आंकड़ा पिछले वर्ष 341.55 मिलियन टन का था. यह जानकारी आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दी.

353.96 मिलियन टन पहुंचा कुल खाद्यान्न उत्पादन

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2024-25 में 353.96 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 21.66 मिलियन टन (6.5%) अधिक है. धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली व सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया है. इस बार निर्धारित लक्ष्य 341.55 मिलियन टन से यह 12.41 मिलियन टन अधिक है. उन्होंने बताया कि रबी सम्मेलन 'एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम' के ध्येय को सिद्ध करने का एक सफल उदाहरण है. 

फल और सब्जियों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ देश में फल और सब्जियों के उत्पादन में भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी बढ़ोतरी हुई है. आगे भी केंद्र और राज्य समन्वित प्रयास करते हुए कृषि के विकास और किसान कल्याण के लिए साथ काम करते रहेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों एवं वरिष्ठ कृषि अधिकारियों को गहन विचार-विमर्श करने का मंच उपलब्ध हुआ है. उन्होंने बताया कि पहले रबी सम्मेलन एक दिन का ही होता था, लेकिन इस बार और अधिक बारीकी से काम करने के उद्देश्य से सम्मेलन दो दिवसीय रखा गया. शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि के समग्र विकास के लिए केंद्र और राज्य एक साथ मिलकर काम करने के लिए एकत्रित हुए हैं. 

सम्मेलन में इन विषयों पर हुई विस्तृत चर्चा

कृषि मंत्री ने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 6 विषयों पर अलग-अलग समूहों में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया. अब अलग-अलग राज्यों का रोडमैप वहां कृषि को विकसित करने के लिए वहीं कार्यशाला करके तय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दो दिवसीय इस सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनमें शामिल हैं– जलवायु सहनशीलता, गुणवत्तापूर्ण बीज-उर्वरक-कीटनाशक, बागवानी, प्राकृतिक खेती, प्रभावी प्रसार सेवाएं और कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका, केंद्र प्रायोजित योजनाओं का समन्वय. दलहन-तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने और एकीकृत कृषि प्रणाली को लेकर भी विस्तार से बातचीत हुई है. 

बाढ़ प्रभावित राज्यों की हर संभव मदद

इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति को लेकर भी चर्चा की और कहा कि सरकार की तरफ से पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ राज्य विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं जिसमें पंजाब, हिमाचल, जम्मू, उत्तराखंड, हरियाणा असम शामिल हैं. इन राज्यों में मदद के लिए कोई कमी नहीं रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि जो राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर हैं,  पूरी कोशिश है कि वहां किसानों को बीमा राशि का उचित और त्वरित लाभ मिल सके. 

ये भी पढ़ें-

MORE NEWS

Read more!